कौन हैं नरेंद्र भोंडेकर? मंत्री पद नहीं मिलने पर Maharashtra मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ही दिया इस्तीफा
Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में शनिवार दोपहर मंत्रिमंडल विस्तार से पहले शिवसेना शिंदे गुट के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने पार्टी के उप नेता और शिवसेना विभागीय समन्वयक पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। भंडारा सीट से विधायक नरेंद्र नई कैबिनेट में मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं।
जानकारी के अनुसार साल 2009 में नरेंद्र पहली कार भंडारा विधानसभा सीट से शिवसेना की टिकट पर चुनाव जीते थे, उस समय वे महज 30 साल के थे। इलाके में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले नरेंद्र अपने क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के काम और विकास कार्य के लिए जाने जाते हैं।
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2022 बगावत के समय दिया था एकनाथ शिंदे का साथ
साल 2019 में नरेंद्र को शिवसेना ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। जिसके बाद वह भंडारा सीट से निर्दलीय खड़े हुए और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद साल 2022 में जब शिवसेना में बगावत हुई और एकनाथ शिंदे अलग हुए तो नरेंद्र उन निर्दलीय विधायकों में शामिल थे जिन्होंने शिंदे गुट का समर्थन किया। यही वजह है कि वह इस कार 2024 में शिंदे की पार्टी की भंडारा सीट से चुनाव मैदान में उतरे और फिर जीतकर आए हैं।
किसान परिवार के नरेंद्र की है शिक्षित नेता की छवि
नरेंद्र भोंडेकर का जन्म भंडारा इलाके में हुआ था। उनकी पढ़ाई घर के पास ही एक स्कूल में हुई थी। जानकारी के अनुसार वह किसान परिवार से हैं और इलाके में उनकी एक शिक्षित और सरलता से उपलब्ध नेता में उनकी गिनती है। सभी पार्टियों और समाज के लोगों में वह अपने पकड़ रखते हैं।
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