'उत्तर भारतीय बंटोगे तो पिटोगे', BJP की राज ठाकरे से नजदीकी पर नाराज उत्तर भारतीय, मुंबई में पोस्टर पर बवाल
Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर काफी गहमागहमी का माहौल है। इस बीच मुंबई में पोस्टर्स को लेकर नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है। मुंबई में 'बंटोगे तो पिटोगे' वाले पोस्टर्स पर जमकर सियासत हो रही है। ये पोस्टर उत्तर भारतीय विकास सेना ने लगाए हैं।
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की नजदीकियां उत्तर भारतीयों को रास नहीं आ रही है। मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीय गुजराती, राजस्थानी और यूपी के रहने वाले लोगों में इसको लेकर गुस्सा है। सोशल मीडिया पर राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की तस्वीरें वायरल हो रही है। इससे पहले लोकसभा के चुनाव में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बीजेपी के साथ गठबंधन की कोशिश की। राज ठाकरे दिल्ली का दौरा भी कर आए। जहां अमित शाह से राज ठाकरे ने मुलाकात की, लेकिन कुछ कारणों से गठबंधन की बात परवान नहीं चढ़ पाई।
अमित ठाकरे के समर्थन में उतरी बीजेपी
बीजेपी ने उस वक्त उत्तर भारतीयों की नाराजगी को लेकर कदम पीछे खींच लिए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर ऐसा ही माहौल बनता नजर आ रहा है। राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे मुंबई की माहिम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी राज ठाकरे का समर्थन कर रही है। हालांकि शिवसेना शिंदे यहां से उम्मीदवार उतारा है। ऐसे में एक बार फिर उत्तर भारतीय बीजेपी की इस पहल से नाराज है।
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लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चुकाई कीमत
बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे मुंबई में उत्तर भारतीयों का विरोध करते आए हैं। आए दिन ऐसी खबरें सामने आती है कि राज ठाकरे ने मोदी जी को समर्थन दिया है। राज ठाकरे के मनसे की भूमिका उत्तर भारतीय विरोधी रही है। अब चुनाव में यह सब चर्चा का केंद्र बना हुआ है। लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद बीजेपी ने राज ठाकरे से दूरी बना ली। इसके बाद राज ने विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने का फैसला किया। हालांकि बैकडोर से बीजेपी मनसे को पूरा सपोर्ट कर रही है। सूत्रों की मानें तो 10 सीटों पर बीजेपी मनसे को सपोर्ट कर रही है।
महायुति को हो सकता है नुकसान
बीजेपी जिन 10 सीटों पर मनसे को सपोर्ट कर रही है, उन पर शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी की प्रेशर पाॅलिटिक्स के आगे शिंदे भी बेबस है, ऐसे में अगर बीजेपी और मनसे प्रमुख की नजदीकियां बढ़ती है तो महायुति को नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
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