Maharashtra Lok Sabha Election: 'खिचड़ी चोर को टिकट दे दिया...', अपनी ही पार्टी पर भड़के संजय निरुपम
Sanjay Nirupam: कांग्रेस नेता संजय निरुपम अपनी ही पार्टी पर भड़क गए हैं। उद्धव गुट की शिव सेना के साथ हुए सीट बंटवारे से वे खुश नहीं हैं। उन्हें इस बार कांग्रेस ने सांगली सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया है, जिससे वे बेहद नाराज हैं। निरुपम ने कहा कि शिवसेना के साथ सीट बंटवारे का फैसला कांग्रेस को दफन करने वाला है। वह इस फैसले का विरोध करते हैं। शिवसेना और कांग्रेस लीडरशिप, जिसने सीट बंटवारा किया, वह उसका भी विरोध करते हैं।
'शिवसेना ने खिचड़ी चोर को बनाया उम्मीदवार'
कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे संजय निरुपम का दावा है कि शिवसेना ने एक भ्रष्ट नेता को अपना उम्मीदवार बनाया है। उन पर खिचड़ी चोरी का आरोप है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को किसी भी तरह की कोई चिंता नहीं है। यहां तक कि किसी ने 10 दिन से उनसे बात तक नहीं की। कांग्रेस पार्टी देशभर में न्याय पत्र की घोषणा कर रही है, जबकि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर ही अन्याय हो रहा है, इसकी किसी को चिंता नहीं है। शिवसेना हमें दबा रही है और हम दब रहे हैं। वो भी उस शिवसेना के आगे, जिसका अब कोई वर्चस्व नहीं है।
'एक हफ्ते तक करूंगा इंतजार'
संजय निरुपम ने कहा है कि वह एक हफ्ते तक इंतजार करेंगे। अगर उनकी बात मान ली गई तो ठीक, नहीं तो सारे रास्ते खुले हैं। कांग्रेस की ओर से जो गठबंधन में पक्ष रख रहे हैं, उन्होंने सही भूमिका अदा नहीं की है। यह पूरे शीर्ष नेतृत्व का फेलियर है।
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सांगली पर हमारी दावेदारी
महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निरुपम का कहना है कि सांगली पर हमारी दावेदारी थी। मगर जिस ढंग से कांग्रेस की सीटों को छीना गया, तो हो सकता है कि शिवसेना का Hidden Agenda कांग्रेस को खत्म करना है। प्रकाश आंबेडकर और VBA के अलग राह चुनने को लेकर उन्होंने कहा कि वे बड़े नेता हैं। हम चाहते थे कि सब साथ आएं, लेकिन उनकी अपेक्षाएं और मांग ज्यादा थी। बता दें कि शिवसेना UBT की लिस्ट आने के बाद महाविकास अघाड़ी में नाराजगी बढ़ गई है। उद्धव ठाकरे ने उत्तर पश्चिम मुंबई की सीट से अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार बनाया है, जिससे संजय निरुपम नाराज हैं।
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'शिवसेना के साथ नहीं जाना था'
संजय निरुपम से जब पूछा कि क्या आप चुनाव लड़ेंगे तो उनका जवाब था कि एक हफ्ते में बता देंगे। इरादा तो पूरा ही है। वैसे भी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि शिवसेना के साथ नहीं जाना चाहिए। शिंदे गुट में जाने की बात पर उन्होंने कहा कि विकल्प खुले हैं। जब जाएंगे तो पता चल जाएगा।
क्या है खिचड़ी घोटाला?
कोरोना काल के दौरान बृहनमुंबई महानगरपालिका (BMC) ने प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए उन्हें खिचड़ी बांटने की योजना चलाई थी। तय हुआ कि जो भी 5000 से ज्यादा पैकेट बनाएगा, उसे कॉन्ट्रेक्ट दिया जाएगा। ठेका एनजीओ, चेरिटेबल संगठनों को दिया जाना था, लेकिन कॉन्ट्रेक्ट उन्हीं को देना था, जिसके पास किचन होगा और हेल्थ डिपार्टमेंट का सर्टिफिकेट होगा। मगर आरोप लगे कि नियमों का उल्लंघन करते हुए लाइसेंस दिए गए। इस मामले में अमोल कीर्तिकर और सूरज चव्हाण से पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है।
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