तोड़-फोड़, पथराव, मारपीट, आगजनी...Video में देखें औरंगजेब पर छिड़े विवाद से नागपुर में कैसे मचा बवाल?
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर छिड़ा विवाद गहराता जा रहा है। बीती रात नागपुर में इस विवाद के चलते 2 गुट आपस में भिड़ गए। दोनों गुटों में आपस में खूब मारपीट हुई। पथराव और गाली गलौज के बीच आगजनी की घटनाएं भी हुईं। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस ने पूरे नागपुर शहर में धारा 144 लागू कर दी गई। शहर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू तक लगा दिया गया। इसके बावजूद रातभर हिंसा का दौर चलता रहा।
इसलिए पुलिस ने कॉम्बिंग ऑपेरशन चलाकर 50 लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने पूरी रात संवेदनशील रूटों पर मार्च किया। वहीं 2 गुटों के बीच हुए टकराव में 20 से ज्यादा पुलिस के जवान और अधिकारी घायल हुए हैं। उपद्रवियों ने DCP निकेतन कदम पर भी कुल्हाड़ी से हमला किया गया है, जिससे उनके हाथों में चोट आई और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। घायल भी अस्पताल में भर्ती हैं।
नागपुर के महाल इलाके के अलावा देर रात हंसपुरी इलाके में भी हिंसा हुई है। कुछ अज्ञात लोगों ने चेहरे पर नकाब बांधकर दुकानों को निशाना बनाया।
मुख्यमंत्री के सख्त कार्रवाई के आदेश
नागपुर में बीती रात फैली हिंसा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने निवास सागर बंगले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र शेखर बावन कुले के साथ बैठक की। सूत्रों की मानें तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चंद्र शेखर बावनकुले और नागपुर के सभी भाजपा विधायक आज 18 मार्च की सुबह नागपुर के लिए रवाना होंगे।
हिंसा वाली जगह का निरीक्षण करेंगे और हालातों का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने हिंसा की जांच के आदेश दिए हैं। आगजनी और पथराव करने वाले लोगों पर कठोर से कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। हिंसा के दौरान पुलिस अधिकारी निकेतन कदम पर अज्ञात शख्स ने कुल्हाड़ी से हमला किया है, इसकी जांच के भी आदेश हुए हैं।
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग
बता दें कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने छत्रपति संभाजीनगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की है। दोनों संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को चेतावनी दी थी कि वे कब्र को हटवाएं।
अगर मांग नहीं मानी गई तो वे 17 मार्च को पूरे प्रदेश में चक्का जाम और आंदोलन करेंगे। इसलिए बीती रात नागपुर में हिंसा का माहौल बना। हिंदू संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी हुई है कि अगर औरंगजेब की कब्र नहीं हटाई गई तो कारसेवा करके उसी तरह कब्र को हटा देंगे, जैसे कार सेवा करके बाबरी मस्जिद हटाई थी।
क्या आज के दौर में औरंगजेब पर चर्चा की जरूरत है?
- हां, इतिहास को भूला नहीं जा सकता
- नहीं, आज के समय में इसकी कोई जरूरत नहीं
- इससे अहम कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा जरूरी