महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नहीं बनेंगे डिप्टी सीएम, इस आधार पर होगा CM का चयन
Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में एक बार फिर महायुति की वापसी हुई, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस बरकरार है। ये तो तय है कि भाजपा कोटे से सीएम होगा और इसके लिए देवेंद्र फडणवीस को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि जातिगत समीकरण के आधार पर मुख्यमंत्री का चयन होगा। कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे।
एकनाथ शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि सीएम पद को लेकर पीएम मोदी और अमित शाह जो फैसला लेंगे, उन्हें स्वीकार रहेगा। इसके बाद खबर आई है कि वे उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं, लेकिन शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे नई सरकार में डिप्टी सीएम का पद कभी स्वीकार नहीं करेंगे। यह उस व्यक्ति को शोभा नहीं देता है, जो पहले ही मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे डिप्टी सीएम पद के लिए शिवसेना से किसी अन्य नेता का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।
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सीएम फेस पर तस्वीर साफ नहीं
सूत्रों का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम बन सकते हैं, लेकिन अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई। इसे लेकर आधिकारिक बयान सामने नहीं आया। ऐसे में ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम के चयन में जातिगत समीकरण की अहम भूमिका हो सकती है। भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री के लिए कुछ मराठा नेताओं के नाम पर विचार कर रहा है। अगर आरएसएस का दबाव बढ़ा तो देवेंद्र फडणवीस के नाम मुहर लग सकती है।
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सीएम के लिए ऐसे कट सकता है फडणवीस का नाम
महाराष्ट्र की राजनीति में हमेशा से मराठा का दबदबा रहा है, लेकिन देवेंद्र फणडवीस ब्राह्मण हैं। अबतक कुल 18 मुख्यमंत्रियों में से 10 सीएम मराठा समुदाय के रहे, जिसमें एकनाथ शिंदे का भी नाम शामिल है। राज्य में 28 प्रतिशत मराठा हैं, जबकि ओबीसी 38 प्रतिशत, दलित-मुस्लिम 12-12 प्रतिशत, ब्राह्मण-आदिवासी 8-8 प्रतिशत हैं। ऐसे में अगर सीएम का चयन जातिगत समीकरण के आधार पर हुआ तो देवेंद्र फडणवीस का नाम कट सकता है।