शिरडी वाले साईं बाबा की किस पार्टी पर बरेसी कृपा? 35 साल के विजय रथ को ऐसे रोकेंगी कांग्रेस प्रत्याशी!
Maharashtra Assembly Election 2024 : महाराष्ट्र में शिरडी विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई है। इस सीट से राधाकृष्ण विखे पाटिल 35 साल से विधायक हैं, लेकिन इस बार बीजेपी के बागी नेता डॉ. राजेंद्र पिपाड़ा ने ताल ठोंक दिया है। हालांकि, शिरडी सीट पर राधाकृष्ण विखे पाटिल और महाविकास आघाड़ी से कांग्रेस की उम्मीदवार प्रभावती घोगरे के बीच मुख्य चुनावी मुकाबला है। ऐसे में अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या प्रभावती घोगरे बीजेपी के बागी नेता के कारण राधाकृष्ण विखे पाटिल के विजय रथ को रोक पाएंगी?
शिरडी महाराष्ट्र के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह शिरडी लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। राधाकृष्ण विखे पाटिल शिरडी विधानसभा क्षेत्र से सात बार से विधायक हैं। शिरडी विधानसभा सीट की खास बात यह है कि यह एक धार्मिक नगरी है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन शिरडी वाले साईं बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। त्योहारों और छुट्टी के दिनों में यह संख्या लाखों में हो जाती है।
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शिरडी सीट की क्या है खासियत?
शिरडी सीट अहमदनगर जिले में स्थित है। जिले के राहाता और संगमनेर तहसील क्षेत्रों में यह सीट आती है। साईं बाबा के कारण इस विधानसभा क्षेत्र को पूरे देश में जाना जाता है। इस विधानसभा क्षेत्र के विकास में शिरर्डी साईं ट्रस्ट का बड़ा योगदान है, जिससे लोगों को रोजगार मिला और इलाके में इंफ्रास्ट्राचर का भी खूब काम हुआ है। शिरडी को साईं नगर के नाम से भी जाना जाता है। यहां साईं बाबा की प्रसिद्ध समाधि मंदिर है। शिरडी ट्रस्ट की सालाना कमाई 400 से 500 करोड़ रुपये है।
जानें कितनी है आबादी?
2011 की जनगणना के अनुसार, शिरडी की जनसंख्या लगभग 36,004 थी, जिसमें पुरुषों की आबादी 53 प्रतिशत और महिलाओं की आबादी 47 प्रतिशत है। शिरडी की औसत साक्षरता दर 70 फीसदी है। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शिरडी सीट से 7वीं बार जीत हासिल की थी। कांग्रेस के सुरेश जगन्नाथ थोराट दूसरे नंबर पर रहे थे। इस बार के चुनाव में सबकी नजर शिरडी विधानसभा सीट पर भी टिकी हुई है।
सात चुनावों से जीत हासिल कर रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल
इस सीट की सबसे खास बात यह है कि यहां पिछले सात चुनाव से एक ही नेता को जीत मिली है, जिनका नाम राधाकृष्ण विखे पाटिल है। वे कांग्रेस, शिवसेना और बीजेपी से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार प्रभावती घोगरे का कहना है कि राधाकृष्ण विखे पाटिल ने यहां ज्यादा काम नहीं किया है। यहां जो भी काम हुआ है, शिरडी संस्थान के चलते हुआ है।
जानें पिछले चुनाव में क्या रहा था चुनावी नतीजा?
अगर 2019 के चुनाव की बात करें तो बीजेपी उम्मीदवार राधाकृष्ण विखे पाटिल के खिलाफ कांग्रेस ने सुरेश जगन्नाथ थोराट को मैदान में उतारा था। बीजेपी उम्मीदवार की तुलना में कांग्रेस के उम्मीदवार थोराट को आधे से भी कम वोट पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर बीजेपी को 70 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 24.26 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। राधाकृष्ण विखे पाटिल 87,024 वोटों के अंतर से जीते थे। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि बीके पाटिल के स्कूल-कॉलेज, जो पूरे विधानसभा क्षेत्र में फैले हैं। साथ ही यहां शुगर फैक्टरी भी है। पाटिल परिवार ने यहां पर हजारों लोगों को नौकरियां दी हैं।
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2014 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे चुनाव
अगर 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो राधाकृष्ण विखे पाटिल कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे थे, जबकि शिवसेना ने अभय दत्तात्रेय को टिकट दिया था। बीजेपी ने राजेंद्र भाऊसाह गोंडकर को मैदान में उतारा था, लेकिन जीत कांग्रेस को ही मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस नेता रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल को 121,459 वोट मिले थे।