महाराष्ट्र में फिर गरमाई सियासत, उद्धव ठाकरे ने छोड़ा MVA का साथ! अकेले लड़ेंगे ये चुनाव
Uddhav Thackeray in Municipal Elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां पिछले एक महीने से महायुति में सीएम पद से लेकर मंत्रालय और पोर्टफोलियो पर सस्पेंस बना हुआ था, तो वहीं MVA में भी तकरार की खबरें आ रही हैं। खासकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने MVA से किनारा करना शुरू कर दिया है। इसका उदाहरण आगामी निकाय चुनावों में देखने को मिल सकता है।
उद्धव ने बुलाई 4 दिवसीय बैठक
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में उद्धव ठाकरे अकेले मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने 4 दिवसीय बैठक बुलाई है, जो 26 दिसंबर से 29 दिसंबर तक चलेगी। इस बैठक में शिवसेना (यूबीटी) के कई बड़े पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। हालांकि इसकी अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
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विधानसभा चुनाव का निरीक्षण
खबरों के अनुसार विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे ने निरीक्षकों की नियुक्ति की थी। इस दौरान वार्डवार शाख प्रमुख से लेकर विभाग प्रमुखों से बातचीत की गई। 21 दिसंबर को हुई बैठक में उद्धव ठाकरे को इसकी रिपोर्ट सौंपी गई थी। वहीं अब उद्धव ठाकरे ने 26, 27, 28 और 29 दिसंबर को लगातार चार दिन तक बैठक बुलाई है।
हॉट सीटों पर होगी चर्चा
रिपोर्ट्स की मानें तो मुंबई नगरपालिका का चुनाव उद्धव ठाकरे अपने दम पर लड़ने वाले हैं। इसके लिए वो स्थानीय पदाधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। यही वजह है कि आगामी बैठकों में सभी पदाधिकारियों को शामिल होने को कहा गया है। इन बैठकों में निकाय आयोग के चुनाव पर चर्चा होगी। चारों दिन की बैठकों में महाराष्ट्र की हॉट विधानसभा सीटों पर आए नतीजों की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद निकाय चुनाव का फैसला होगा।
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बैठक | विधानसभा सीटों की समीक्षा |
26 दिसंबर 2024 | बोरीवली विधानसभा, दहिसर विधानसभा, मागाठाणे विधानसभा, डिंडोशी, चारकोप, कांदिवली और मलाड विधानसभा |
27 दिसंबर 2024 | अंधेरी पश्चिम, अंधेरी पूर्व, विलेपार्ले, बांद्रा पूर्व, बांद्रा पश्चिम, चांदीवली, कुर्ला, कलिना विधानसभा |
28 दिसंबर 2024 | मुलुंड, विक्रोली, भांडुप, मानखुर्द - शिवाजीनगर, घाटकोपर पूर्व, घाटकोपर पश्चिम, अणुशक्तिनगर, चेंबूर, सायन कोलीवाड़ा |
29 दिसंबर 2024 | धारावी, वडाला, माहिम, वर्ली, शिवडी, बायकुला, मालाबार हिल, मुबादेवी, कोलाबा |
BMC क्यों है जरूरी?
बता दें कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) यानी मुंबई नगरपालिका की कमान अभी शिवसेना (यूबीटी) के हाथों में है। BMC को एशिया की सबसे अमीर महानगरपालिकाओं में गिना जाता है। 2023-24 में BMC का बजट 50,000 करोड़ से भी अधिक था, जो भारत के कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। यही वजह है कि BMC का चुनाव जीतने के लिए महाराष्ट्र की पार्टियों में होड़ मची है।
क्यों दिलचस्प हैं इस बार के चुनाव?
गौरतलब है कि पिछली बार 2017 में BMC के चुनाव देखने को मिले थे। तब शिवसेना का बंटवारा नहीं हुआ था। ऐसे में BMC की 236 सीटों में से शिवसेना को 84, बीजेपी को 82 और कांग्रेस की अगुवाई वाली MVA को 31 सीटें मिली थीं। हालांकि शिवसेना में बंटवारे के बाद BMC की कमान उद्धव ठाकरे के गुट ने संभाल ली और एकनाश शिंदे की शिवसेना ने NDA से हाथ मिला लिया। अब मार्च 2025 में BMC के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में एक बार फिर महायुति और MVA के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी।
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