'संपत्ति में बराबरी, हलाला अवैध हों...', मुस्लिम महिलाओं की UCC में सुधार की मांग, सरकार के सामने रखी ये 25 मांगें
Muslim Women Demand Reform UCC: यूसीसी यानि समान नागरिक संहिता को लेकर भारत में चर्चाएं जारी हैं। उत्तराखंड में यूसीसी के लागू करने को लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होने वाला है। इसके अलावा कई और राज्यों में यूसीसी को लेकर कमेटी बनाई गई है। इस बीच मुंबई में मुस्लिम महिलाओं ने एक प्रेस वार्ता के जरिए 25 मांगें रखी हैं। मुस्लिम महिला संगठन की मांग है कि यूसीसी को इन 25 सुधारों के जरिए ही लागू किया जाए।
अगर भारत में यूसीसी लागू होता है तो यह मौजूदा पर्सनल लाॅ की जगह लेगा। हालांकि यूसीसी कब लागू होगा? इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में आइये जानते हैं वे कौनसी मांगें हैं जिन्हें यूसीसी में लागू करवाना चाहती हैं मुस्लिम महिलाएं।
शादी -
1. दुल्हन की सहमति के बिना निकाह अवैध हो।
2. निकाह को करार माना जाए, संस्कार नहीं।
3. निकाह का पंजीकरण अनिवार्य हो।
4. निकाहनामा/इकरारनामा जरूरी दस्तावेज बने।
5. मेहर निकाह के वक्त ही दिया जाए।
6. पंजीकृत काजियों द्वारा ही निकाह हो।
7. महिला काजियों को प्राथमिकता दी जाए।
8. बहुविवाह, हलाला, मिस्यार, और मुता विवाह अवैध हों।
तलाक-
9. महिलाओं को फस्ख, खुला, मुबारा अधिकार मिले।
10. तलाक-ए-अहसन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान रूप से लागू हो।
11. धर्म परिवर्तन से निकाह खत्म न हो।
दत्तक ग्रहण और संरक्षकता -
12. मां बच्चों की स्वाभाविक संरक्षक हो।
13. जेजे कानून के तहत गोद लेने की अनुमति हो।
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भरण-पोषण और विरासत-
14. वैवाहिक संपत्ति में बराबरी हो।
15. सभी पारिवारिक कानून प्रक्रियाओं के लिए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मध्यस्थ हो।
संगठन ने वक्फ कानून में महिलाओं की 50% भागीदारी और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की भी मांग की। वे बहुपत्नी प्रथा और हलाला पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द निर्णय की अपील कर रहे हैं।
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