कांग्रेस से नाराज हैं शरद पवार, महाअघाड़ी में सीट बंटवारे को लेकर फंसा पेंच
Sharad Pawar Angry with Congress: महाराष्ट्र में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक दलों के बीच सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। महायुति और महाअघाड़ी गठबंधन में सियासी तकरार बढ़ती जा रही है। महायुति में जहां एक ओर अजित पवार को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर महाअघाड़ी के घटक दल सीटों के बंटवारे को लेकर अब एक-दूसरे के सामने आ गए हैं। कुल मिलाकर दोनों ही गठबंधनों में सिर-फुटव्वल मची है। ऐसे में आइये जानते हैं एक नजर में महाराष्ट्र की सियासत में चल क्या रहा है?
सबसे पहले बात करते हैं महाअघाड़ी गठबंधन की। गठबंधन में कांग्रेस के अलावा शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना शामिल हैं। महाराष्ट्र में अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को बयान देकर कहा कि एमएलसी चुनाव में कांग्रेस के 7 विधायकों ने क्राॅस वोटिंग की। इस कारण उनके उम्मीदवार जयंत पाटिल चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गलत रणनीति के कारण ही उनके उम्मीदवार को कम वोट मिले।
राहुल गांधी से समझौता करना चाहते हैं शरद पवार
शरद पवार यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि मुझे उम्मीद थी कि कांग्रेस के कुछ वोट मिलिंद नार्वेकर तो कुछ जयंत पाटिल के पक्ष में जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इसका फायदा महायुति गठबंधन ने उठाया। जानकारों की मानें तो प्रदेश में सीट बंटवारे से पहले शरद पवार कांग्रेस पर अटैकिंग मोड में रहना चाहते हैं ताकि कांग्रेस अधिक सीटें नहीं ले पाए। इसके साथ ही शरद पवार नहीं चाहते हैं कि कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व सीट बंटवारे पर उनसे बात करें। वे इस मुद्दे पर सीधे हाईकमान से डिस्कसन चाहते हैं। रणनीतिकारों की मानें तो शरद पवार कांग्रेस के स्थानीय नेताओं से असहज है ऐसे में वे सीट बंटवारे को लेकर किसी गफलत में नहीं रहना चाहते हैं।
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सीट बंटवारे पर फंसा पेंच
बता दें कि महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने गुरुवार को 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 150 सीटों पर दावा ठोंका है जबकि शिवसेना के उद्धव ठाकरे 125 सीटों पर अपना दावा कर रही है। ऐसे में शरद पवार को बहुत ही कम सीटों पर संतोष करना पड़ेगा। वहीं महायुति गठबंधन में भी चुनाव से पहले भगदड़ मची है। अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के 25 नेता बागी होकर शरद पवार के साथ जा चुके हैं। वहीं राज्य के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल भी कभी भी पाला बदल सकते हैं।
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