हरियाणा से राहुल गांधी के सीधे महाराष्ट्र पहुंचने के मायने क्या? सांगली, कोल्हापुर... 70 सीटों का खेल!
Rahul Gandhi Kolhapur Visit: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा से सीधे महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं। 5 सितंबर को सांगली के दौरे के बाद दो दिनों के दौरे पर राहुल गांधी 4 अक्टूबर को महाराष्ट्र के कोल्हापुर पहुंचेंगे। यहां राहुल गांधी छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे और इसी के साथ महाराष्ट्र के चुनावी कैंपेन में राहुल गांधी की एंट्री हो जाएगी। माना जा रहा है कि 8 अक्टूबर के बाद कभी भी चुनाव आयोग महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देगा। लेकिन अहम सवाल ये है कि आखिर राहुल गांधी पश्चिमी महाराष्ट्र पर क्यों फोकस किए हुए हैं।
छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण
कोल्हापुर में राहुल गांधी के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और कोल्हापुर के सांसद छत्रपति शाहू महाराज भी मंच साझा करेंगे। राहुल का ये दौरा उस समय हो रहा है, जब महाराष्ट्र के मालवण में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश भड़कने के बाद पीएम मोदी के साथ और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने भी माफी मांगी थी।
पश्चिमी महाराष्ट्र पर फोकस
महाराष्ट्र का पश्चिमी इलाका शुगर बेल्ट है। जो यह डिसाइड करता है कि मुंबई में 'किंग' कौन बनेगा। पश्चिमी महाराष्ट्र में कुल 6 जिले हैं। पुणे, अहमदनगर, सोलापुर, सतारा, सांगली और कोल्हापुर। इन 6 जिलों में विधानसभा की 70 सीटें हैं, जो 288 सीटों वाली विधानसभा में निर्णायक हो जाती हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और एनसीपी ने इस इलाके में शानदार प्रदर्शन किया है। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन को 39 सीटें मिली थीं, एनसीपी ने जहां 27 सीटें जीती थीं, वहीं कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। बीजेपी को शुगर बेल्ट में सिर्फ 20 सीटें मिली थीं और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 5 सीटें मिली थीं, दो सीटें अन्य के खाते में गई थीं।
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों को देखें तो बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन ने पुणे, सतारा और हटकनगेले लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन महाविकास अघाड़ी ने कोल्हापुर, सांगली (निर्दलीय उम्मीदवार ने कांग्रेस को समर्थन दिया), माधा, शिरडी, अहमदनगर, शिरूर और सोलापुर में जीत हासिल की।
बदल गए राजनीतिक समीकरण
शिवसेना और एनसीपी के टूटने के बाद अब पश्चिमी महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अजीत पवार भी मैदान में होंगे। कांग्रेस महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है। इसमें उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र में राहुल गांधी को शरद पवार और उद्धव ठाकरे के साथ समीकरण को साधना है। इनके सामने शिंदे और अजीत पवार की भी चुनौती है। हालांकि शरद पवार इस इलाके में लगातार सक्रिय हैं और नए चेहरों की पड़ताल कर रहे हैं।
शरद पवार को नए चेहरों की तलाश
एनसीपी के ज्यादातर नेताओं के अजीत पवार के साथ जाने से शरद पवार को अब युवाओं पर ही दांव लगाना होगा। बीजेपी अजीत पवार के जरिए इस बार पश्चिमी महाराष्ट्र में समीकरण बदलना चाहती है। इससे समझ आता है कि आरएसएस के विरोध के बावजूद अजीत पवार क्यों बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन में बने हुए हैं। ऐसे में राहुल गांधी के ऊपर ये जिम्मेदारी भी है कि वह पश्चिमी महाराष्ट्र में शरद पवार को कमजोर न पड़ने दें।
राहुल गांधी और शरद पवार ये समझते हैं कि अगर महाराष्ट्र की सत्ता में वापसी करना है तो पश्चिमी महाराष्ट्र में 2019 का प्रदर्शन दोहराना होगा। इसलिए राहुल गांधी लगातार पश्चिमी महाराष्ट्र में सक्रिय हैं। कोल्हापुर का उनका दौरा, एक महीने के भीतर पश्चिमी महाराष्ट्र का उनका दूसरा दौरा होगा।