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क्या अब टेस्ट क्रिकेट का 3 Day Format आ जाना चाहिए!

Test Cricket Format: टेस्ट के मैच दो से तीन दिन में खत्म हो रहे हैं। ऐसे में क्या अब वक्त आ गया है कि टेस्ट क्रिकेट का फॉर्मेट बदल जाना चाहिए?
10:05 PM Dec 11, 2024 IST | Abhishek Mehrotra
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Test Cricket Format: टीम इंडिया, उसके चाहने वालों और क्रिकेट के लिए बीते कुछ दिन अच्छे नहीं रहे। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेला गया टेस्ट मैच महज तीन दिन में ही समेट दिया। टीम इंडिया को 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने भारतीय टीम के करोड़ों प्रशंसकों को निराश किया। लेकिन इस निराशा से भी बड़ी चिंता टेस्ट मैचों के भविष्य को लेकर सामने आई है। खेल में हार-जीत स्वाभाविक है। दो टीम खेलेंगी तो एक का हारना निश्चित है और वो एक कोई भी हो सकती है। मगर यहां सवाल टेस्ट क्रिकेट के स्वरूप और भविष्य का है। ये कोई पहला मैच नहीं है, जो निर्धारित पांच दिनों से पहले खत्म हुआ है और न ही आखिरी होगा।

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घट रहा है एवरेज टाइम 

टेस्ट मैच के पांच दिनों में प्रतिदिन 90 के हिसाब से करीब 450 ओवर फेंके जाने होते हैं। इस लिहाज से देखें तो वर्ष 2020 के बाद से टेस्ट मैच के खत्म होने का एवरेज टाइम लगातार घटता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में खेले गए कुल टेस्ट मैच 307 ओवर में समाप्त हो गए। 2022 में यह आंकड़ा 289, 2023 में 283 और इस साल मार्च तक 281 ओवर रहा। यानी टेस्ट मैचों का पूरे पांच दिन चलना मुश्किल होता जा रहा है।

क्या टी-20 क्रिकेट से कम हुआ टेस्ट का क्रेज?

इसकी कई वजह हो सकती हैं, जिसमें सबसे प्रमुख है फटाफट क्रिकेट के प्रति बढ़ता क्रेज। टी-20 और आईपीएल जैसे आयोजनों ने क्रिकेट की परिभाषा को पूरी तरह से बदल दिया है। पहले यदि कोई टीम किसी दूसरे देश के टूर पर जाती थी, तो उसमें टेस्ट मैच जरूर शामिल होते थे। लेकिन अब ऐसा कम देखने को मिलता है। क्रिकेटर्स भी चूंकि टी20 मैचों को अधिकता में खेल रहे हैं, ऐसे में उनकी प्रारंभिक ग्रूमिंग भी उसी फॉर्मेट के अनुरूप हो रही है और यही कारण है कि वे टेस्ट मैच को भी उसी तर्ज पर खेल रहे हैं।

दर्शकों के रुझान में कमी, पैसों का खेल! 

अब अलग-अलग देशों के क्रिकेट बोर्ड भी टेस्ट में उतनी रुचि नहीं दिखाते। इसके बजाए उनका फोकस टी-20 फार्मेट पर ज्यादा रहता है। भारत की बात करें, तो जब से IPL की शुरुआत हुई है, हमारे खिलाड़ियों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा आईपीएल से आता है। पांच दिनों तक चलने वाले मैचों को लेकर दर्शकों के रुझान में भी कमी आई है। सारा खेल पैसों का है। टेस्ट मैचों को दर्शक पहले की तुलना में नहीं मिल रहे हैं। यानी आयोजकों के लिए पहले जैसी कमाई मुश्किल हुई है। वहीं, आईपीएल जैसे आयोजनों पर छप्परफाड़ पैसा बरस रहा है। आयोजक और खिलाड़ी तो खुश हैं ही, दर्शक भी इन मैचों के 'चट-मंगनी पट ब्याह' की तरह आने वाले परिणामों से उत्साहित रहते हैं।

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21 प्रतिशत हो गई कम समय में खत्म होने वाले टेस्ट की संख्या

आंकड़ों की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले 50 टेस्ट मैचों में से दो-तिहाई टेस्ट चौथे दिन या उससे पहले ही खत्म हो गए। 2020 और 2024 के बीच, टेस्ट मैचों के तीन दिन या उससे पहले खत्म होने की संख्या बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई है, जबकि इससे पहले के दशक में यह 14 प्रतिशत थी। पिछले साल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए 2 टेस्ट मैच महज ढाई-तीन दिनों में खत्म हो गए थे। यह आंकड़े टेस्ट मैचों के फॉर्मेट में बदलाव की जरूरत को दर्शाने के लिए काफी हैं। पांच दिन का मैच खिलाड़ियों से लेकर दर्शकों तक के लिए उबाऊ हो रहा है। इसलिए इसे थोड़ा छोटा करके तीन या चार दिन का किया जा सकता है।

इस तरह बढ़ सकता है इंटरेस्ट 

टेस्ट मैचों को छोटा करने से इनका आकर्षण बना रहेगा और यह सबके लिए विन-विन सिचुएशन जैसा होगा। दिन कम होने से ज्यादा मैच हो सकेंगे। दर्शकों का इंटरेस्ट फिर से इनमें बढ़ेगा। दर्शक ज्यादा आएंगे तो पैसा ज्यादा आएगा। आयोजन और खिलाड़ी भी खुश रहेंगे। अब समय आ गया है कि क्रिकेट बॉडीज इस मुद्दे अपर गंभीरता से विचार करें। वैसे यहां उल्लेखनीय ये है कि कई दिग्गज खिलाड़ी भी इसकी वकालत कर चुके हैं।

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