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CM भगवंत मान का बड़ा ऐलान, Guru Nanak Dev University में स्थापित होगा Surjit Patar Centre

CM Mann Attend Surjit Patar Memorial Ceremony: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी श्री अमृतसर साहिब में आयोजित सुरजीत पातर स्मृति समारोह में शामिल हुए।
05:16 PM Jan 14, 2025 IST | Deepti Sharma
cm भगवंत मान का बड़ा ऐलान  guru nanak dev university में स्थापित होगा surjit patar centre
CM Mann Attend Surjit Patar Memorial Ceremony

CM Mann Attend Surjit Patar Memorial Ceremony: पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्य के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। इसी में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में नैतिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए अत्याधुनिक सुरजीत पातर केंद्र स्थापित करने की घोषणा की।

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यहां प्रसिद्ध लेखक को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित होगा। उन्होंने इस नेक कार्य के लिए विश्वविद्यालय को पूरा समर्थन और सहयोग देने का आश्वासन दिया। सीएम मान ने महान लेखक की याद में एक पुरस्कार की स्थापना करने की भी घोषणा की, जो उभरते लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां केवल इन प्रतिष्ठित संस्थाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा एकमात्र एजेंडा यह सुनिश्चित करना है कि इन प्रमुख संस्थाओं में गुटबाजी नहीं बल्कि शिक्षा को बढ़ावा मिले। भगवंत सिंह मान ने कहा कि महान गुरुओं, संतों और शहीदों ने हमें अत्याचार, उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ लड़ना सिखाया है।

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डॉ. सुरजीत पातर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महान धरतीपुत्र का निधन पंजाबी साहित्य के लिए एक बहुत बड़ी और अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि डॉ. सुरजीत पातर पंजाबी साहित्य के महानतम लेखकों में से एक थे और उनके साथ उनके निजी संबंध बहुत मजबूत थे, जिसके लिए वे उनकी बहुत सराहना करते थे। भगवंत सिंह मान ने पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रचार में डॉ. सुरजीत पातर के महान योगदान को याद किया, जिसे सभी हमेशा स्वीकार करेंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. सुरजीत पातर पंजाबी के सबसे मशहूर लेखकों में से एक थे, जिन्होंने हर पंजाबी के मन पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने कहा कि यह बेहद गर्व और संतुष्टि की बात है कि अगर अंग्रेजी भाषा में महान लेखक कीट्स हैं तो पंजाबी भाषा में डॉ. सुरजीत पातर हैं।

उन्होंने डॉ. सुरजीत पातर को एक 'महान लेखक' बताया, जिन्होंने अपनी कलम के जरिए समाज में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे के बंधन को मजबूत करने में श्रेष्ठ योगदान दिया। दिवंगत लेखक की साहित्यिक सेवाओं को याद करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह एक प्रसिद्ध पंजाबी साहित्यकार थे, जो अपने विपुल लेखन के माध्यम से उभरते लेखकों को हमेशा प्रेरित करेंगे।

वित्तीय संकट से उबारने में मिलेगी मदद 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला को वित्तीय संकट से उबारने के लिए 350 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि ट्रांसफर की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि शिक्षण स्टाफ युवाओं को शिक्षित करने और पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार पर ध्यान केंद्रित कर सके।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार हर पंजाबी की मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने विद्यार्थियों को पंजाबी भाषा को अच्छी तरह बोलने और लिखने के लिए प्रेरित किया ताकि वे अपनी गौरवशाली विरासत से परिचित रहें। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि हम इस अद्भुत मातृभाषा के ध्वजवाहक हैं, जिसमें अनगिनत और समृद्ध साहित्य लिखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का इतिहास महान शहीदों की महान कुर्बानियों से भरा पड़ा है जिन्होंने मानवता के लिए निस्वार्थ बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इन शहीदों से प्रेरणा लेनी चाहिए और निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करनी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब वह धन्य और पवित्र भूमि है जहां सभी धर्मों, भाषाओं और समाज के सभी वर्गों के लोग शांति और सद्भावना के साथ रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने लोगों को माघी के पवित्र दिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पवित्र अवसर हर साल 40 मुक्तों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने खिदराना की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान कर दी थी, जिसे अब श्री मुक्तसर साहिब के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि श्री मुक्तसर साहिब में माघी का पवित्र अवसर 40 मुक्तों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने के लिए अनादि काल से मनाया जाता रहा है, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस दिन लाखों लोग श्री मुक्तसर साहिब में गुरुद्वारा 'श्री टूटी-गंडी साहिब' के गर्भगृह में मत्था टेकते हैं।

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