'पंजाब में बर्दाश्त नहीं की जाएगी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा', समीक्षा बैठक में बोले कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह

Health Minister Balbir Singh News: स्वास्थ्य मंत्री ने सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा के लिए डीसी, एसएसपी और सिविल सर्जनों के साथ हाई लेवल बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें हेल्थकेयर प्रोफेशनल से जुड़ी कोई भी हिंसा सही नहीं जाएगी। 

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Health Minister Balbir Singh Meeting

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Health Minister Balbir Singh News: पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है। सीएम भगवंत मान का कहना है कि पंजाब के लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ मेडिकल से जुड़े लोगों को भी उतनी ही सुरक्षा मिलनी चाहिए, जितनी आम इंसान को मिलती है। इसी के तहत स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा के प्रति मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति की पुष्टि करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने साफ तौर से कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों, सीपी/एसएसपी और सिविल सर्जनों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में प्रशासनिक सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, सचिव स्वास्थ्य सह एमडी एनएचएम डॉ. अभिनव त्रिखा, एमडी पीएचएससी वरिंदर कुमार शर्मा और निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर शामिल हुए।

स्वास्थ्य बोर्ड का गठन

कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डॉ. बलबीर सिंह ने डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य बोर्ड के गठन का निर्देश दिया, जिसमें एसएसपी, सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल/मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, जिला पीसीएमएस अध्यक्ष/जिला आईएमए अध्यक्ष के प्रतिनिधि, पैरामेडिकल स्टाफ/एनजीओ के प्रतिनिधि और कानूनी विशेषज्ञ शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए बोर्ड की मासिक बैठक होनी चाहिए। 'पंजाब मेडिकेयर सेवा व्यक्तियों और मेडिकेयर सेवा संस्थानों का संरक्षण (Prevention Of Violence And Damage To Property) अधिनियम, 2008' को सख्ती से लागू करने का आह्वान करते हुए उन्होंने अधिकारियों को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में अंग्रेजी और पंजाबी दोनों भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए कहा कि जिसमें इस अधिनियम के तहत प्रावधान, दंड और सजा के साथ-साथ पुलिस स्टेशनों के संपर्क नंबर भी प्रदर्शित किए गए हों।

स्वास्थ्य मंत्री ने अधिक आवागमन वाले सभी स्वास्थ्य संस्थानों के पास मौजूद पुलिस चौकी/थाने से जोड़ने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने सिविल सर्जनों को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में होमगार्ड की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे लगाने और उचित प्रकाश व्यवस्था सहित उचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि मरीज़ों के प्रवेश को सुव्यवस्थित करने के लिए केवल एक परिचारक को इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (In-Patient Department) क्षेत्र में प्रवेश करने की परमिशन दी जानी चाहिए।

यौन उत्पीड़न पर पांच सदस्यीय आंतरिक समिति गठित

उन्होंने यौन उत्पीड़न पर पांच सदस्यीय आंतरिक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया, जिसकी अध्यक्षता सुविधा प्रभारी करेंगे तथा जिसमें तीन महिला सदस्य होंगी। डॉ. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों से मरीजों और उनके तीमारदारों के प्रति सहानुभूति और शिष्टाचार बरतने की भी दिल से अपील की, क्योंकि वे अक्सर अस्पताल में पहले से ही तनावग्रस्त और चिंतित होकर आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मरीजों को डॉक्टरों/स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा दिए जाने वाले उपचार के संबंध में कोई समस्या है, तो वे जिला शिकायत निवारण समिति से संपर्क कर सकते हैं, जो आवश्यक कार्रवाई के लिए मामले पर उचित रूप से विचार करेगी।

इस बीच, लगातार बारिश के बीच डेंगू के मामलों में अचानक बढ़ोतरी को देखते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए किए गए उपायों का भी जायजा लिया। उन्होंने सिविल सर्जनों को हॉटस्पॉट क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वे करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे डेंगू मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घरों में या आसपास पानी जमा न होने दें।

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