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पंजाब में यूपी-बिहार के लोगों के लिए नए कानून! रात में बाहर निकलने पर बैन; क्यों और किसने दिया फरमान?

Diktat in Punjab Villages for UP-Bihar People: पंजाब के गांवों में यूपी-बिहार के प्रवासियों को लेकर नए नियम कानून लागू किए जा रहे हैं। इस बीच मामले में पुलिस की एंट्री हुई है। कई गांवों में तो किराए पर मकान देने पर बैन लगा दिया गया है।
09:51 AM Aug 11, 2024 IST | Nandalal
पंजाब के गांवों में प्रवासियों के लिए नियम कानूनों के बोर्ड लगाए गए हैं।
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Diktat in Punjab Villages for UP-Bihar People: पंजाब के गांवों में आजकल यूपी-बिहार से आने वाले प्रवासियों के लिए फरमान लागू किए जा रहे हैं। पहले कुराली गांव में प्रवासियों की एंट्री पर बैन लगा दिया गया था और अब खरार के जंडपुर गांव में डिस्प्ले बोर्ड लगाकर फरमान प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें कहा गया है कि प्रवासी लोग रात के 9 बजे के बाद गांव में नहीं घूमेंगे। जंडपुर गांव में 2 हजार लोग रहते हैं, इनमें से 500 लोग प्रवासी हैं, यानी दूसरे राज्यों के लोग रोजगार की तलाश में जंडपुर गांव पहुंचे हैं।

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गांव वालों का कहना है कि प्रवासियों को अगर गांव में रहना है तो कुछ नियम कायदे का पालन करना पड़ेगा। गांव में दर्शाए गए बोर्ड्स में 11 फरमान का जिक्र है। इनमें प्रवासियों के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसके बाद से कुछ प्रवासियों ने गांव छोड़ दिया है, जबकि कुछ इसकी तैयारी में हैं।

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सिगरेट, गुटखा और पान पर बैन

रात में 9 बजे के बाद गांव में न घूमने के अलावा प्रवासियों का अनिवार्य तौर पर पुलिस वेरिफिकेशन कराने की बात कही गई है। साथ ही गांव में सड़कों की साफ सफाई रखने के लिए पान खाने, गुटखा चबाने और सिगरेट स्मोकिंग पर बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही प्रवासियों को किराए पर मकान देने वाले मालिकों को उनके लिए डस्टबिन की भी व्यवस्था करनी होगी।

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एक कमरे में दो से ज्यादा लोग नहीं

लिस्ट में दर्ज फरमान के मुताबिक एक कमरे में दो लोग से ज्यादा नहीं रह सकते। वहीं अधनंगे कपड़ों में प्रवासी इधर उधर घूम भी नहीं सकते। और गांव में किसी भी तरह का अवैध काम होता है या गांव वालों को नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए मकान मालिक जिम्मेदार होंगे।

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गांव वालों ने अपना आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि प्रवासी लोग अधनंगे कपड़ों में इधर उधर घूमते रहते हैं। इससे गांव की महिलाओं को असहजता होती है। वहीं कुछ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले प्रवासी सड़क पर थूकते रहते हैं, गांव के गुरुद्वारे के बाहर भी थूकते रहते हैं। ये हमारे धर्म के खिलाफ है।

'हम किसी के खिलाफ नहीं'

गांव के पार्षद गोविंदर सिंह चीमा ने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन चाहते हैं कि लोग अनुशासन में रहें। हमने खासतौर पर पुलिस वेरिफिकेशन पर जोर दिया है। बहुत सारे लोग यहां बिना पुलिस वेरिफिकेशन के रह रहे हैं। आगे से हम इसके लिए मकान मालिक को जिम्मेदार ठहराएंगे।

रात के 9 बजे के बाद गांव में न घूमने के सवाल पर चीमा ने कहा कि हम न सिर्फ प्रवासियों को चेता रहे हैं, बल्कि गांव के स्थानीय लोगों को भी चेता रहे हैं, जो रात में शराब पीकर हंगामा करते हैं।

मामले में पुलिस की एंट्री

इस बीच खरार पुलिस ने गांव वालों से संपर्क किया है और मामले की जानकारी ली है। ग्रामीणों का कहना है कि वे ये फरमान सभी के लिए लागू करेंगे। इलाके के पार्षद ने कहा कि पुलिस और प्रशासन से हमारी बातचीत हुई है। हम बोर्ड को बदलेंगे, लेकिन सभी के लिए नियमों का लागू करेंगे। खरार के डीएसपी करण संधू ने कहा कि मामले की हमें जानकारी है। हम करीबी निगाह रखे हुए हैं।

इन गांवों में भी पारित हुए प्रस्ताव

इससे पहले मोहाली के कुराली गांव में प्रवासियों के रहने पर बैन लगा दिया गया था। कुराली गांव के लोगों ने इसके लिए चोरी की घटनाएं बढ़ने की बात की थी। वहीं मोहाली शहर से 45 मिनट की दूरी पर मौजूद मुंडो संगतियां गांव ने प्रस्ताव पारित किया है कि गांव में किसी भी प्रवासी को किराए पर मकान नहीं दिया जाएगा।

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punjab news
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