पंजाब की भगवंत मान सरकार ने कमाए ई-नीलामी से 2060 करोड़ रुपये, जानिए क्या बोले कैबिनेट मंत्री
Punjab Bhagwant Mann Government: पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के विकास के साथ-साथ राज्य के लोगों की सुविधाओं का भी ख्याल कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कई अहम कदम उठाए गए हैं, जिसका लाभ राज्य के लोगों और सरकार दोनों को मिल रहा है। इसी के तहत राज्य सरकार ने 2060 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। सरकार को यह लाभ आवास एवं शहरी विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत विकास प्राधिकरणों ने विभिन्न संपत्तियों की ई-नीलामी से हुआ है। इस बात की जानकारी आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने दी है।
ई-नीलामी की सफलता का श्रेय
मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने बताया कि नीलाम की गई संपत्तियों की लिस्ट में विकास प्राधिकरणों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले ग्रुप हाउसिंग, पेट्रोल पंप, होटल साइट, एससीओ, बूथ, औद्योगिक और आवासीय भूखंड शामिल हैं। मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने कहा कि ई-नीलामी की सफलता का श्रेय राज्य सरकार की पारदर्शी और निवेश-अनुकूल नीतियों को जाता है। उन्होंने बताया कि दो महीने पहले ई-नीलामी के जरिए से 3000 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। अब तक ई-नीलामी के जरिए राज्य सरकार की कुल 5000 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। इससे यह साबित होता है कि सरकार की रचनात्मक शहरी विकास नीतियों के कारण रियल एस्टेट सेक्टर में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है।
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ई-नीलामी को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया
कैबिनेट मंत्री मुंडिया ने बताया कि 18 अक्टूबर को शुरू हुई ई-नीलामी कल देर शाम को खत्म हुई। एक महीने में ई-नीलामी को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। इससे ये साफ है कि निवेशकों को राज्य में लाने की सीएम मान की कोशिश सफल हो रही हैं। उन्होंने बताया कि नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही और जो लोग अपने सिर पर छत चाहते थे या फिर कारोबार करना चाहते थे, उनकी इच्छा पूरी हुई है। इस दौरान सफल बोलीदाताओं को बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि नीलामी में निर्धारित समय के अनुसार नीलाम की गई साइटों का कब्ज़ा बोलीदाताओं को सौंप दिया जाएगा। नीलाम की गई साइटें मोहाली, अमृतसर, पटियाला, लुधियाना, बठिंडा और संगरूर में स्थित हैं। इस दौरान मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने नीलामी का ब्यौरा भी दिया। साथ ही बताया कि गमाडा ने 1894 करोड़ रुपये ग्लाडा ने 61.75 करोड़ रुपये, बीडीए ने 16.08 करोड़ रुपये, पीडीए ने 59.62 करोड़ रुपये, जेडीए ने 12.25 करोड़ रुपये और एडीए ने 16.30 करोड़ रुपये अर्जित किए।