पंजाब कृषि मंत्री खुड्डियां ने बुलाई विभाग की बैठक; 'कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे' को लेकर दिए निर्देश
Punjab Cabinet Minister Khuddian: पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रही हैं। इसके साथ ही मान सरकार प्रदेश के किसानों का खास ध्यान रख रही है। इसी के तहत बीते दिन पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने अपने कार्यालय में ‘कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे’ के मसौदे पर विभाग की एक खास बैठक बुलाई है। इस बैठक में उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मसौदे पर गंभीरता से चर्चा की है। साथ ही इस हफ्ते किसानों और बाकी के हितधारकों की तत्काल बैठक बुलाने का फैसला किया।
मसौदा नीति का विश्लेषण
कृषि मेंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पंजाब राज्य किसान एवं खेत मजदूर आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि एंव किसान कल्याण अनुराग वर्मा और सचिव पंजाब मंडी बोर्ड रामवीर के साथ विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वह भारत सरकार की तरफ से दी गई मसौदा नीति का विश्लेषण और परामर्श करने के लिए किसानों के प्रतिनिधियों, कृषि एक्सपर्ट और बाकी के हितधारकों के साथ तुरंत बैठक बुलाएं।
'कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे'
उन्होंने आगे अधिकराकियों से कहा कि वह मसौदा नीति का गहन विश्लेषण और हितधारकों का परामर्श ले। क्योंकि इसका राज्य और उसके किसानों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि कृषि विभाग ने पहले ही भारत सरकार के उप कृषि विपणन सलाहकार और मसौदा समिति के संयोजक डॉ. एसके सिंह को मसौदा नीति पर टिप्पणी भेजने के लिए कम से कम 3 हफ्ते का समय देने के लिए एक पत्र भेजा है।
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मसौदा नीति का गहराई से अध्ययन
पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के किसानों की बेहतरी और कल्याण के लिए दृढ़ रुख अपनाने की पुष्टि करते हुए कृषि मंत्री ने अधिकारियों को मसौदा नीति का गहराई से अध्ययन करने के निर्देश दिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि एक भी बिंदु बिना विचार किए न छोड़ा जाए, जो अल्पावधि या भविष्य में किसान समुदाय के लिए महंगा साबित हो सकता है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को MSP, मार्केट फीस जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा ताकि सामान्य तौर पर मंडी बोर्ड और विशेष तौर पर राज्य के कृषि विपणन बुनियादी ढांचे को और मजबूत किया जा सके। इसके अलावा, एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके जो बड़े कॉर्पोरेट्स से किसानों के हितों की रक्षा कर सके।