होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

अब्दुल करीम टुंडा कौन है, जिसे 1993 सीरियल बम ब्लास्ट मामले में किया गया बरी

1993 Serial Bomb Blast Case: अजमेर की टाडा कोर्ट ने 1993 सीरियल ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। टुंडा के वकील ने कहा कि सीबीआई कोर्ट के सामने कोई सबूत पेश नहीं कर पाई। हम शुरू से ही कह रहे थे कि टुंडा निर्दोष है।
12:56 PM Feb 29, 2024 IST | Achyut Kumar
1993 Serial Bomb Blast Case का मुख्य आरोपी Abdul Karim Tunda रिहा
Advertisement

1993 Serial Bomb Blast Case: राजस्थान के अजमेर जिले की टाडा अदालत ने गुरुवार को 1993 सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। वहीं, उसके साथ आरोपी बनाए गए हमीमुद्दीन और इरफान उर्फ पप्पू को उम्र कैद की सजा सुनाई है। टुंडा के वकील शफिकतुल्ला सुल्तानी ने कहा कि अदालत ने अब्दुल करीम टुंडा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। सीबीआई अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई भी मजबूत सबूत पेश करने में विफल रही।

Advertisement

'अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है'

वकील ने कहा कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है। उसे सभी धाराओं और सभी अधिनियमों में बरी कर दिया गया है। सीबीआई अभियोजन पक्ष टाडा, आईपीसी, रेलवे अधिनियम, शस्त्र अधिनियम (Arms Act) या विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (Explosive Substances Act) में अदालत के समक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहराया गया है।

Advertisement

30 सितंबर 2021 को टुंडा के खिलाफ तय किए गए आरोप

अजमेर की टाटा कोर्ड ने 30 सितंबर 2021 को अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, इरफान और हमीमुद्दीन के खिलाफ लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में 1993 में ट्रेनों में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपी बनाया था। उन पर टाडा, विस्फोटक अधिनियम, पीडीपी एक्ट और रेलवे एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे।

छह ट्रेनों में हुए थे सिलसिलेवार धमाके

बता दें कि 5 और 6 दिसंबर 1993 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर छह राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में सिलसिलेवार विस्फोट हुए थे, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी। अब्दुल करीम टुंडा पहले गाजियाबाद जिले में बंद था, लेकिन इसके बाद उसे 24 सितंबर 2021 को अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया। बता दें कि टाडा अधिनियम के तहत पकडे़ गए आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए देशभर में केवल मुंबई, अजमेर और श्रीनगर में विशेष अदालतें हैं।

यह भी पढ़ें: राजस्थान: 2 से ज्यादा बच्चे हैं तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया झटका

अब्दुल करीम टुंडा कौन है?

अब्दुल करीम टुंडा यूपी के हापुड़ जिले के पिलखुवा कस्बे का रहने वाला है। वह 1993 में हुए बम धमाकों के समय लश्कर-ए-तैयबा का विस्फोटक एक्सपर्ट था। उसने मुंबई के जलीस अंसारी, नांदेड़ के आजम गौरी के साथ मिलकर तंजीम इस्लाम उर्फ मुस्लिम संगठन बनाकर बाबरी विध्वंस का बदला लेने के लिए 1993 में पांच प्रमुख शहरों में ट्रेन विस्फोट किए थे। टुंडा 1996 में दिल्ली में पुलिस हेड क्वार्टर के सामने हुए विस्फोट मामले में भी आरोप है। उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।

यह भी पढ़ें: क्या 6 महीने में अपने आप खत्म हो जाएंगे स्टे के आदेश? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

 

 

Open in App
Advertisement
Tags :
1993 Serial Bomb Blast CaseAjmer News
Advertisement
Advertisement