होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में 50 फीसदी कमी; इस साल कितने केस आए सामने?

Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में हालात सुधर रहे हैं। कोटा को आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग का हब माना जाता है। वहां से लगातार छात्रों की आत्महत्या के मामले सामने आ रहे थे। अब इन मामलों में 50 फीसदी गिरावट का दावा किया गया है।
05:38 PM Dec 29, 2024 IST | Parmod chaudhary
Advertisement

Kota News: राजस्थान के कोटा शहर में छात्रों की आत्महत्या से जुड़े मामलों में 50 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। कोटा को IIT-JEE प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग का हब माना जाता है। जिला प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि यहां तैयारी करने वाले छात्रों की आत्महत्या के मामलों में 2023 की तुलना में 50 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि अधिकारियों की ओर से आंकड़ों का उल्लेख नहीं किया गया है। कोटा के डीएम रवींद्र गोस्वामी ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में बताया कि पिछले साल छात्रों की आत्महत्या के जितने मामले सामने आए थे। इस साल कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या दर में गिरावट आई है। यह हमारे लिए काफी जरूरी बात है, उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे मामलों में और भी कमी आएगी।

Advertisement

यह भी पढ़ें:मंगलुरु में सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी तीन गुना बढ़ी, नशे के खिलाफ पुलिस चलाएगी ये मुहिम

एक रिपोर्ट के मुताबिक कोटा में इस साल कोचिंग के लिए आए 17 छात्रों ने आत्महत्या की है। पिछले साल लगभग ऐसे 26 मामले सामने आए थे। डीएम के मुताबिक प्रशासन की ओर से कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों में कड़े दिशा-निर्देश लागू करवाए गए हैं। इसी वजह से आत्महत्या के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। WHO के मानदंडों के आधार पर छात्रावास वार्डन के लिए गेट कीपर ट्रेनिंग अनिवार्य की गई है। इसके अलावा SOS हेल्पलाइन सेवाओं को निरंतर अपग्रेड किया गया है। जिसके कारण अब ऐसे मामलों में कटौती आ रही है। प्रशासन का प्रयास है कि छात्रों को तनाव और अवसाद से बचाया जाए।

यह भी पढ़ें:मेरठ में दोस्त ही निकला हत्यारा, न्यूड फोटो चुराकर गर्लफ्रेंड को करता था ब्लैकमेल; ऐसे खुला राज

Advertisement

गोस्वामी ने बताया कि अब जिले में 'डिनर विद कलेक्टर' और 'संवाद' जैसे कार्यक्रम कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए शुरू किए गए हैं। विद्यार्थियों के साथ अधिकारी निरंतर संवाद करते हैं। वहीं, लड़कियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कालिका दस्ते की तैनाती जगह-जगह की है। जिसकी वजह से महत्वपूर्ण बदलाव आया है। इस साल 'डिनर विद कलेक्टर' और 'संवाद' जैसे कार्यक्रमों से वे 25 हजार छात्रों के साथ संवाद कर चुके हैं। इस दौरान छात्रों की समस्याएं सुनी गई हैं। उनको नोट कर निवारण भी किया गया है।

एक लाख तक घटी छात्रों की संख्या

गोस्वामी के अनुसार कोटा में हर साल 2-2.5 लाख छात्र कोचिंग के लिए बाहर से आते थे। इस साल छात्रों की संख्या में 1 लाख तक की कटौती दर्ज की गई है। अनुमान के मुताबिक कोचिंग का बिजनेस 7 हजार करोड़ का था, जो अब घटकर 3.5 हजार करोड़ का रह गया है। गोस्वामी के अनुसार 'कोटा केयर्स' नामक कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। इस दौरान उन्होंने बुधवार को संपन्न हुए तीन दिवसीय कोटा महोत्सव का जिक्र भी किया। डीएम के अनुसार कार्यक्रम का उद्देश्य मनोरंजन के साथ कोटा को एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाले टूरिज्म शहर के रूप में प्रदर्शित करना था।

Open in App
Advertisement
Tags :
Kota Student Suicide CaseKota Suicide NewsRajasthan News
Advertisement
Advertisement