BJP MLA अपनी ही सरकार के कामकाज से असंतुष्ट, मंत्री के सामने अधिकारियों से बोलीं- 'मैं इन्हें मारूंगी'
BJP MLA Angry on official: राजस्थान में बीजेपी की भजनलाल सरकार में ब्यूराक्रेसी इस कदर हावी है कि आम जनता तो छोड़िए, बीजेपी के विधायक ही त्रस्त हैं। प्रदेश में मुख्य सचिव के कमरों के बाहर बीजेपी विधायकों के लाइन लगने वाली बात बीजेपी के विधायकों के जरिए ही सामने आई थी। अब एक और ताजा मामला अजमेर से सामने आया है। अजमेर दक्षिण से बीजेपी विधायक अनिता भदेल मंत्री के सामने ही अधिकारियों पर आक्रोशित हो गईं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा अधिकारी पैसे लेकर काम करते हैं, भ्रष्ट हैं।
विधायक भदेल यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे कहा कि अगर इसी तरह चलता रहा तो, मैं इन लोगों को मारूंगी। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा अजमेर में जनसुनवाई के लिए गए थे। इस दौरान यहां पर अजमेर दक्षिण की विधायक अनिता भदेल गुस्सा हो गईं। उन्होंने कहा कि अधिकारी बिना किसी गलती के लोगों के घर और गोदाम सीज कर रहे हैं।
50 हजार रुपये मांगे
विधायक ने कहा कि न तो नोटिस दिया जा रहा है और न ही कागज देखे जा रहे हैं। गैस के गोदाम सीज होने से 15 हजार से अधिक उपभोक्ता परेशान हैं। सबके पास वैध कागज हैं। मगर उपायुक्त समेत कोई अधिकारी फोन उठाने तक को तैयार नहीं हैं। वहीं फोन करने के बाद अगर पीड़ित व्यक्ति अधिकारी से मिलने चला जाए तो वह कहता है कि विधायक से फोन करवाया है इसलिए अब 50 हजार रुपये और दो।
उपायुक्त ने नहीं उठाया मंत्री का फोन
इसके बाद मंत्री के सामने ही विधायक ने जिद किया और कहा कि उपायुक्त को फोन लगाया जाए। जब फोन लगाया गया तब भी उपायुक्त ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद मंत्री ने विधायक को आश्वासन दिया कि मैं पूरे मामले को दिखाऊंगा और कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। शिकायत के बावजूद अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त ने उपायुक्तों पर कार्रवाई करने की बजाय उनके जोन बदल दिए।
पहले भी आती रही हैं ये शिकायतें
बता दें कि प्रदेश की भजनलाल सरकार में पिछले काफी समय से ब्यूराक्रेसी के हावी होने की खबर सामने आती रहती हैं। कई बार अधिकारी मंत्रियों की बात को भी अनसुना कर देते हैं। हालांकि इसको लेकर शासन स्तर पर सीएम कई बार चेतावनी भी दे चुके हैं लेकिन अधिकारी किसी की भी सुनने को तैयार नहीं हैं। अगर सत्ताधारी पार्टी के विधायकों का ये हाल है तो विपक्ष और आम जनता, अधिकारियों से किस तरह परेशान होगी, इसको समझा जा सकता है।
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