भारत-पाक बॉर्डर पर 80 गांवों का संपर्क टूटा, जैसलमेर में 20 दिनों में 470mm बारिश से तबाही

Heavy Rain in Jaisalmer Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर स्थित सम इलाके में हर तरफ पानी ही पानी है। 50 साल पहले भी इस इलाके में 8 फीट पानी भर गया था। गांव के गांव आज टापू नजर आते हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा रहा है।

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जैसलमेर में बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बन गई है।

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Heavy Rain in Jaisalmer Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर में भारी बारिश के चलते तबाही का आलम है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 80 गांवों का संपर्क टूट गया है। बारिश के चलते बाजार, गांव और बिजली घर सब पानी में डूब गए हैं। प्रशासन प्रभावित गांवों को खाली कराने में जुटा है। बिजली घरों और ग्रिड के पानी में डूबने के चलते पूरे इलाके में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है।

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20 दिन में 470 एमएम बारिश

जैसलमेर के सम इलाके में पिछले 15 दिनों से ऐसे हालात हैं। चारों तरफ पानी ही पानी है। प्रभावित इलाके से लोग ट्रैक्टर में सवार होकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। इस इलाके में पिछले 5 साल से हर साल औसतन 190 एमएम बारिश होती रही है, लेकिन इस साल सम इलाके में अब तक 590 एमएम बारिश हुई है। अगस्त के 20 दिनों में करीब 470 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो औसत से काफी अधिक है।

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कलेक्टर और एसडीएम ने हालात का जायजा

राजस्थान के जैसलमेर स्थित सम इलाके में हर तरफ पानी ही पानी है। 50 साल पहले भी इस इलाके में 8 फीट पानी भर गया था। सम गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे हालात आज से करीब 50 साल पहले देखे गए थे, तब 8 फीट पानी भर गया था। वहीं अब हालात आंखों के सामने हैं, जहां तक नजर जाती है, वहां तक पानी ही पानी नजर आता है। रविवार को जैसलमेर के कलेक्टर प्रताप सिंह और एडीएम मुन्नीराम बागड़िया ने ट्रैक्टर की मदद से हालातों का जायजा लिया।

गांव के गांव बने टापू

प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर पानी से घिरे घरों से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है। साथ ही बाकी लोगों को भी सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है। ताकि मकान आदि गिरने पर कोई अनहोनी ना हो। दरअसल ज्यादा बारिश होने के बाद से हालात बिगड़ गए हैं। गांव के गांव टापू नजर आते हैं। बीदा, निम्बा, गांगा, सगरों की बस्ती, मेणुओं की बस्ती और मतुओं की बस्ती का पानी भी सम इलाके में पहुंच गया है। मेघवालों की बस्ती पूरी तरह से पानी से घिर चुकी है। लोगों को वहां से भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

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