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राजस्थान: 2 से ज्यादा बच्चे हैं तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया झटका

Two Child Norm For Government Jobs In Rajasthan : सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में सरकारी नौकरी के लिए दो बच्चों की शर्त वाली नीति पर मुहर लगा दी है। इसके अनुसार अगर किसी के 2 से ज्यादा बच्चे हैं तो उसे सरकारी नौकरी नहीं मिल पाएगी।
07:10 AM Feb 29, 2024 IST | Gaurav Pandey
सुप्रीम कोर्ट
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Two Child Norm For Government Jobs In Rajasthan : राजस्थान में अभी तक पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों पर दो बच्चों की नीति लागू होती थी। अब सरकारी नौकरी के लिए भी यह नियम लागू कर दिया गया है। यानी कि अगर किसी के 2 से ज्यादा बच्चे हैं तो उसे सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इस नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी अनुमति मिल गई है। उल्लेखनीय है कि करीब 21 साल पहले पंचायत चुनाव के लिए इस नीति को अनिवार्य किया गया था। ऐसे में उन लोगों को बड़ा झटका लगा है जो सरकारी नौकरी की तलाश में हैं और जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं।

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एक पूर्व सैनिक ने दाखिल की थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला पूर्व सैनिक रामलाल जाट की ओर से दाखिल अपील को खारिज करते हुए सुनाया। रामलाल जाट साल 2017 में रिटायर हुए थे और मई 2018 में उन्होंने राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल पद के लिए आवेदन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 24 (4) के तहत उनकी याचिका को खारिज किया। इस नियम के तहत प्रावधान है कि अगर किसी उम्मीदवार के 2 या ज्यादा बच्चे हैं तो वह सरकारी नौकरी के लिए योग्य नहीं होगा। रामलाल जाट के 2 से ज्यादा बच्चे हैं। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट के फैसले में दखल की जरूरत नहीं

जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और केवी विश्वनाथन की पीठ ने रामलाल जाट की याचिका खारिज करते हुए कहा कि पंचायत चुनावों को लेकर इसी तरह के एक प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2003 में बरकरार रखा था। इसके तहत उन लोगों के आवेदन पर रोक लगाई जाती है जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रामलाल जाट की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया था उसमें दखल देने की जरूरत नहीं है। बता दें कि इस फैसले से उन लोगों को बड़ा झटका लगा है जो प्रदेश में सरकारी नौकरी ढूंढ रहे हैं और जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं।

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Tags :
Supreme Court
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