हरीश चौधरी की 'ठाकुर का कुआं' कविता बनी मुसीबत, उपचुनाव में राजपूत दे सकते हैं कांग्रेस को करंट
Harish Chaudhary Poem Thakur Ka Kuan: राजस्थान विधानसभा में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है। विधानसभा के बजट सत्र पर अनुदान मांगों को लेकर बहस चल रही है। इस दौरान बाड़मेर की बायतु सीट से कांग्रेस के विधायक हरीश चौधरी ने भजनलाल सरकार के बजट को ठाकुर के कुएं की संज्ञा दी है। बता दें कि राजस्थान की पुरानी कहावत के अनुसार ठाकुर का कुआं जातिगत सोच को दर्शाता है। ऐसे में हरीश चौधरी के इस बयान पर बीजेपी पूरी तरह से हमलावर है।
कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने 2 दिन पहले विधानसभा में ठाकुर का कुआं शीर्षक नाम की एक कविता पढ़ी। इस कविता में ठाकुर शब्द को लेकर राजपूत समाज के विधायकों ने विधानसभा में कड़ी आपत्ति जताई। हरीश चौधरी ने कहा बजट के अंदर दलितो, आदिवासियों और पिछड़ों की क्या स्थिति है। यह हम लोग महसूस कर सकते हैं। ऐसे में बजट को पढ़ने के बाद ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता याद आती है, उन्होंने कविता पढ़ते हुए कहा कि बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी...फसल ठाकुर की...कुआं ठाकुर का...पानी ठाकुर का...खेत खलिहान ठाकुर के...गली-मोहल्ले ठाकुर के...फिर अपना क्या? गांव-शहर, देश?
सत्ता पक्ष ले रहा चुटकियां
हरीश चौधरी की इस कविता के बाद राजस्थान में अब राजपूत समाज कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हो गया है। फिलहाल इस मुद्दे पर विपक्ष खामोश है और सत्ता पक्ष चुटकियां ले रहा है क्योंकि 5 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव आने वाले हैं ऐसे में हरीश चौधरी की यह कविता कांग्रेस के लिए गले की फांस बनने वाली है। हालांकि इस बयान को फिलहाल विधानसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है।
राजपूत समाज ने की निंदा
बाड़मेर की शिव सीट से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि रिफाइनरी कौन खा गया? कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी का यह बयान सोशल मीडिया और आम जनमानस में छाया हुआ है। राजपूत समाज के सबसे बड़े संगठन श्री राजपूत सभा ने बयान जारी कर माफी की मांग की है। इसके अलावा करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने भी माफी मांगने की बात की है और ऐसा नहीं होने पर सबक सिखाने के साथ-साथ सड़कों पर उतरने की बात कही है।
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अपनों के निशाने पर हरीश चौधरी
हरीश चौधरी को इस बयान के बाद परायों की ही नहीं अपनों की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने चौधरी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज का इतिहास त्याग, शौर्य और समर्पण का रहा है। वहीं बीजेपी सरकार में मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि जातिगत टिप्पणी करना अपनी राजनीति को चमकाने का कारण हो सकता है लेकिन राज्य, देश और समाज के लिए यह घातक हो सकता है।
उपचुनाव में दिखेगा करंट
बहरहाल लोकसभा चुनाव में राजपूत समाज की नाराजगी झेल चुकी बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। हरीश चौधरी के इस बयान ने अब कांग्रेस को भी बड़े वोट बैंक के उसी ट्रांसफार्मर के नीचे ला खड़ा किया है जहां आने वाले उपचुनाव में इसका करंट दिखना तय है। भले ही पूरे बयान को विधानसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया हो लेकिन सदन के भीतर से शुरू हुआ बवाल अब सदन के बाहर भी नजर आने लगा है।
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जयपुर से केजे श्रीवत्सन की रिपोर्ट।