होली पर टूटी इस मंदिर की सालों पुरानी परंपरा, पूर्व मंत्री ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार
Rajasthan News : जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी के मंदिर में सालों से चली आ रही भक्तों की होली की परंपरा इस बार टूट गई। दरअसल, हर साल भक्त गोविंद देव जी के मंदिर में आकर धूमधाम से गुलाल के साथ होली खेलते थे, लेकिन इस बार कथित रूप से मंदिर प्रशासन ने भक्तों के अबीर और गुलाल से होली खेलने पर रोक लगा दी। जिन भक्तों को इसकी सूचना नहीं थी, वे पहले की परंपरा के अनुसार गुलाल लेकर मंदिर पहुंच गए, लेकिन वहां मौजूद मंदिर के कर्मचारी और पुलिस ने उन्हें वापस कर दिया।
इस बार भक्तों को गोविंद देव जी मंदिर में गुलाल नहीं लगाने दिया गया। यहां आने वाले भक्त इससे खासे नाराज नजर आए। उनका कहना था कि जब हर साल यहां पर भगवान के साथ गुलाल की होली खेलने आते हैं, तो इस बार किस आधार पर रोक लगाई गई?
मंदिर प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन
कहा जा रहा है कि मंदिर और पुलिस प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस तरह की गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत भक्तों को चलते-चलते दर्शन करने पड़ेंगे। रुककर रील बनाने और नाचने-गाने पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा। मंदिर में रंग, गुलाल और वाटर कलर जैसी चीजें लाने पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यही नहीं, भक्तों के लिए मंदिर में प्रवेश से पहले बाहर बनाए गए निशुल्क जूता रखने के केंद्र को भी बंद कर दिया गया है।
कांग्रेस ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार
इस पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि सालों से चली आ रही आराध्य देव के दरबार में गुलाल से होली खेलने की परंपरा को भाजपा सरकार ने जान-बूझकर रुकवाया है। यह सनातन और सनातनियों का अपमान है। खाचरियावास ने कहा कि गोविंद देव जी के मंदिर में गुलाल खेलने की परंपरा सदियों से है, लेकिन अब पुलिस और मंदिर के कर्मचारियों द्वारा भक्तों को खदेड़ा जा रहा है।