हार का गम या संगठन से नाराजगी... क्यों दिया किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा?
केजे श्रीवत्सन, जयपुर
Why Kirodi Lal Meena Resigned From Minister Post : भाजपा के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान सरकार में कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम के पीछे तरह-तरह के कारण बताए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि उन्होंने हार की वजह से इस्तीफा दिया है तो किसी का कहना है कि वह संगठन से नाराज चल रहे थे इसलिए ऐसा कदम उठाया। लेकिन, खुद किरोड़ी लाल मीणा ने न्यूज24 के साथ खास बातचीत में अपने इस बड़े फैसले की असल वजह बताई है।
मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार से इस्तीफा देने के बाद मीणा ने न्यूज24 से बात करते हुए कहा कि कहा कि मैं 30-35 साल से 10-12 जिलों में काम कर रहा था। यहां मेरी पकड़ भी है। जनता के लिए रात-दिन काम भी करते है। एक बार तो इसी क्षेत्र से निर्दलीय सांसद भी बना लेकिन इसी क्षेत्र से अपनी पार्टी के प्रत्याशी को नहीं जिता पाया। इससे मन खट्टा हो गया। मैंने पहले भी कहा था कि अगर सवाई माधोपुर, दौसा और करौली में भाजपा प्रत्याशी को नहीं जिता सका तो पद से इस्तीफा दे दूंगा और यही मैंने किया।
'हार से टूट गया था, नाराजगी नहीं है'
मीणा ने कहा कि मेरी संगठन से कोई नाराजगी नहीं है। मैं लोकसभा चुनाव में अपने ही क्षेत्र में प्रत्याशियों की हार से टूट गया था, बिखर गया था। मैंने 5 तारीख को ही इस्तीफा दे दिया था। सत्ता या संगठन किसी से मेरी नाराजगी नहीं है। लोकसभा चुनाव में मैंने अपने क्षेत्र में पार्टी की जीत को लेकर भरोसा दिया था। लेकिन, पार्टी प्रत्याशी जीत नहीं पाए। ऐसे में अपने वचन के अनुसार आज मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अब बिना बंदिश के काम करूंगा। मेरे काम का तरीका तो वही रहेगा।
'सत्ता के बाहर भी काम कर सकता हूं'
इस सवाल पर कि मंत्री पद पर रहते हुए बेहतर काम करवा सकते थे, किरोड़ी लाल मीणा बोले कि बिना मंत्री रहे मैंने नीट की परीक्षा देने वाले 26 लाख अभ्यर्थियों को इंसाफ दिलाया। मैं सत्ता के बाहर रहकर भी काम कर सकता हूं। जयप्रकाश नारायण, महात्मा गांधी, अन्ना हजारे यह सब इसके उदाहरण है। अब सरकार से बाहर रहकर जनहित के मामले मुख्यमंत्री और सरकार तक पहुंचाऊंगा। ठीक उसी तरह जैसे जल जीवन मिशन और अलवर की जमीन का मुद्दा मुख्य संज्ञान में लेकर आया था और जांच कराई थी।