हैट्रिक की तैयारी में जुटे 'चौधरी', सामने है नया 'चेहरा' राजस्थान की इस सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
Lok Sabha Election 2024 (केजे श्रीवत्सन): गुलाब हलवे की मिठास के लिए पहचाने जाने वाले मारवाड़ के पाली में कहावत है कि जो पाली की पंचायती को पार करेगा जीत का 'सेहरा' उसी के सिर बंधेगा। इस बार यहां बीजेपी की चिंता बढ़ी हुई है, दरअसल, 2023 में यहां बीजेपी के लगातार 5 बार के विधायक ज्ञानचंद पारख विधानसभा में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। बता दें 19 अप्रैल से देशभर में लोकसभा के पहले चरण के मतदान हैं, पाली लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होंगे।
इस बार के लोकसभा प्रत्याशियों को जानें
भाजपा ने यहां से वर्तमान सांसद पीपी चौधरी को टिकट दिया है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मोदी लहर का फायदा मिला और वह दो बार से चुनाव जीत रहे हैं। वह जोधपुर के रहने वाले हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस बार इस सीट से राज्य बाल कल्याण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को मैदान में उतारा है। संगीता भी जोधपुर की रहने वाली हैं। वह जोधपुर से निगम पार्षद रह चुकी हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
पाली लोकसभा सीट का इतिहास
भाजपा ने यहां सबसे पहले 1989 के चुनाव में एंट्री की थी। पार्टी ने पूर्व जस्टिस गुमान मल लोढ़ा को टिकट दिया और वे यहां से सांसद चुने गए। इसके बाद साल 1991 और 1996 के चुनाव में भी लोढ़ा ने यहां से चुनाव जीतकर हैट्रिक बनाई थी। फिर 1998 के चुनाव में कांग्रेस के मीठालाल जैन यहां से जीते। इसके बाद 2004 के चुनाव में पुष्प जैन सांसद बने। 2009 में कांग्रेस के बद्रीराम जाखड़ यहां से चुनाव जीते थे। अब 2014 और 2019 में बीजेपी के पीपी चौधरी लगातार 10 साल से सांसद हैं।
सीट का समीकरण समझें
इस सीट पर पालीवाल ब्राह्मणों की अधिक संख्या के चलते इस इलाके का नाम पाली पड़ा है। पाली महाराणा प्रताप का ननिहाल भी है। इस सीट पर उत्तर में नागौर तो पश्चिम दिशा में जालौर पड़ता है। वहीं, इसका पड़ोसी जिला जोधपुर पूर्व सीएम अशोक गहलोत का गृहक्षेत्र है।