क्या प्रह्लाद गुंजल ओम बिरला को दे सकते हैं टक्कर? जानें कोटा-बूंदी लोकसभा सीट के समीकरण
Prahlad Gunjal Lok Sabha Election 2024: राजस्थान के बीजेपी नेता प्रह्लाद गुंजल आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वह जयपुर में पार्टी का दामन थामेंगे। कहा जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से मैदान में उतार सकती है। गुंजल बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं, लेकिन वे पिछले कुछ समय से पार्टी से खफा चल रहे हैं। यदि चूरू लोकसभा सीट पर पूर्व बीजेपी नेता राहुल कस्वां की तरह ही कांग्रेस गुंजल को कोटा-बूंदी से चुनावी मैदान में उतारती है तो ये मुकाबला बेहद दिलचस्प हो जाएगा। यहां से बीजेपी नेता और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सांसद हैं। आइए जानते हैं कोटा-बूंदी लोकसभा सीट का कया है समीकरण...
दिख सकती है कांटे की टक्कर
प्रह्लाद गुंजल हाड़ौती में दिग्गज नेता माने जाते हैं। वहीं ओम बिरला की लोकप्रियता भी काफी ज्यादा है। वह पिछले दो बार से लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। अब तक हुए लोकसभा चुनावों की बात करें तो कांग्रेस के लिए ये सीट थोड़ी चुनौतीपूर्ण रही है। कांग्रेस को अब तक 4 बार ही जीत मिली है। जबकि बीजेपी ने 6 बार, 3 बार भारतीय जनसंघ और 2 बार जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाया है। ऐसे में ये सीट बीजेपी के लिए सुरक्षित मानी जाती रही है।
4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा
कोटा-बूंदी सीट में 8 विधानसभा सीट शामिल हैं। इसमें कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण के साथ ही पीपल्दा, सांगोद, रामगंजमंडी, लाडपुरा और बूंदी जिले की बूंदी और केशोरायपाटन सीट शामिल हैं। फिलहाल इन सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है।
ये है जातिगत समीकरण
साल 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां अनुसूचित जनजाति 20.4 फीसदी और अनुसूचित जाति के वोटर 12.76 फीसदी हैं। इस सीट पर मीणा जाति के वोटरों को निर्णायक माना जाता है। इसके साथ ही गुर्जरों की भी अच्छी खासी पैठ है। खास बात यह है कि प्रह्लाद गुंजल गुर्जर जाति से ही आते हैं। इनके अलावा ब्राह्मण और वैश्य वोटरों को भी अहम माना जाता है।
आसान नहीं होगी चुनौती
पिछले 10 साल से कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर बीजेपी जीतती आ रही है, ऐसे में प्रह्लाद गुंजल के लिए ये चुनौती आसान नहीं होगी। हालांकि वे कांटे की टक्कर दे सकते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में ओम बिरला ने रिकॉर्ड मार्जिन से जीत दर्ज की थी। उन्होंने 2.79 लाख वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण मीणा को शिकस्त दी थी। ऐसे में ओम बिरला की मजबूत दावेदारी से इनकार नहीं किया जा सकता। देखना दिलचस्प होगा कि प्रह्लाद गुंजल का भविष्य क्या होता है।
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