Rajasthan By Election में BJP की जीत के 5 बड़े कारण, झुंझुनूं में 20 साल बाद खुला खाता
जयपुर से केजे श्रीवत्सन् की रिपोर्ट।
Rajasthan By Election Result 2024: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। बीजेपी ने खींवसर, झुंझुनूं, सलूंबर, देवली-उनियारा और रामगढ़ सीट जीत ली। पार्टी को चौरासी और दौसा सीट पर हार मिली। दौसा सीट पर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीाण मैदान में थे। यहां से कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा 2300 वोट से जीत गए। वहीं रामगढ़ में सुखवंत सिंह ने कांग्रेस के आर्यन जुबेर खान को 4700 से अधिक वोटों से हराया। देवली उनियारा में बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर ने निर्दलीय नरेश मीणा को 40 हजार वोट के अंतर से हराया। यहां कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे। वहीं खींवसर में बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को 13 हजार वोट के अंतर से हराया।
ऐसे में सत्तारूढ़ बीजेपी अब और ज्यादा ताकतवर हो गई है। बीजेपी का विधानसभा में अब कुल संख्या बल 119 हो गया है। आइये जानते हैं बीजेपी की जीत के 5 बड़े कारण।
1.बीजेपी में सत्ता और संगठन का बेहतरीन तालमेल देखने को मिला। चुनाव प्रचार के दौरान सरकार की योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाने में संगठन ने बड़ी भूमिका निभाई।
2. बीजेपी चुनाव में टिकट देने के साथ ही कार्यकर्ताओ के असंतोष को भी दूर करने में कामयाब रही। कांग्रेस ने अपने बागी और कुछ निर्दलीय उम्मीदवार को हटाने में रुचि नही दिखाई। देवली उनियारा से नरेश मीणा और उसके लिए राजेंद्र गुड़ा को झुंझुनूं से चुनाव लड़ने दिया। उन्होंने कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाई। इसका फायदा बीजेपी को मिला।
3. सत्ता में होने का फायदा भी बीजेपी को मिला क्योंकि जो पार्टी सत्ता में होती है उप चुनाव में उसे ही फायदा मिलने परंपरा भी है। हालांकि ये पहली बार हुआ है कि बीजेपी को उपचुनाव में इतने बड़े स्तर पर सफलता मिली है वरना अब तक बीजेपी 2014 से 2024 तक केवल 2 सीटों पर ही उपचुनाव जीत पाई थी।
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4. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद संगठन में रह चुके हैं। ऐसे में माइक्रो मैनेजमेंट करने में कामयाब रहे। सचिन पायलट और अशोक गहलोत में कुल मिलाकर 14 जनसभा की । जबकि सीएम भजनलाल शर्मा ने अकेले सभी सातों विधानसभा सीट पर दो-दो बार जनसभाएं करके उनके बराबर की जनसभा करके माहौल बनाया। केंद्र और राज्य के मंत्रियों को भी इन क्षेत्रों में बड़ी जिम्मेदारी दी।
5. वसुंधरा राजे भले ही चुनाव प्रचार के लिए मैदान में नजर नहीं आई लेकिन पार्टी के तमाम तरीके जान चुनाव प्रचार में पूरा दमखम लगाए रखा।
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