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मौत के बाद बीमा कंपनी ने खारिज किया क्लेम, पीड़िता ने स्थायी लोक अदालत में लगाई गुहार, अब देने होंगे 10 लाख रुपए

Relief From Permanent Lok Adalat: पाली में स्थायी लोक अदालत ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि व्यक्ति की मौत के बाद उसकी पत्नी को 10 लाख रुपये का क्लेम दिया जाए।
06:43 PM Jan 30, 2025 IST | Deepti Sharma
मौत के बाद बीमा कंपनी ने खारिज किया क्लेम  पीड़िता ने स्थायी लोक अदालत में लगाई गुहार  अब देने होंगे 10 लाख रुपए
Relief From Permanent Lok Adalat

Relief From Permanent Lok Adalat (के जे श्रीवत्सन): पाली में स्थायी लोक अदालत ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि व्यक्ति की मौत के बाद उसकी पत्नी को क्लेम का रुपया दिया जाए। कंपनी ने क्लेम खारिज कर दिया था। उपभोक्ता विवाद परितोष आयोग, पाली ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में एचडीएफसी ईरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए 10 लाख रुपये का बीमा क्लेम 6% वार्षिक ब्याज सहित अदा करने का आदेश दिया। साथ ही, मानसिक संताप के लिए 1,00,000 रुपये और परिवाद व्यय के 10,000 रुपये भी भुगतान करने का निर्देश दिया गया।

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यह मामला गुमान सिंह की पत्नी, पप्पू कंवर द्वारा दायर परिवाद से संबंधित है, जिनके पति की मृत्यु 24 अगस्त 2014 को एक निर्माणाधीन मकान की सीढ़ियों से गिरने के कारण हो गई थी। गुमान सिंह ने एचडीएफसी ईरगो से 10 लाख रुपये की सर्व सुरक्षा बीमा पॉलिसी ली थी, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहते हुए क्लेम खारिज कर दिया कि पॉलिसी की शर्तों के अनुसार एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनिवार्य हैं, जो नहीं करवाई गई।

बीमा कंपनी की शर्तें अनुचित- आयोग का फैसला

पप्पू कंवर ने वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अरोड़ा और उनके सहयोगी तरुण उपाध्याय के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद परितोष आयोग, पाली में परिवाद दायर किया। सुनवाई के दौरान, उन्होंने साफ किया कि यह दुर्घटना घर के अंदर हुई थी और किसी बाहरी व्यक्ति की संलिप्तता नहीं थी, इसलिए एफआईआर दर्ज करवाने की आवश्यकता नहीं थी।

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साथ ही, चोटों से स्पष्ट था कि मृत्यु गिरने से हुई, इसलिए पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया। आयोग ने यह मानते हुए कि बीमा कंपनी द्वारा गलत आधारों पर क्लेम खारिज किया गया, इसे सेवा में कमी करार दिया और कंपनी को आदेश दिया कि वह एक माह के भीतर सभी क्लेम पूरे करें।

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  • 10 लाख रुपये का बीमा क्लेम 6% वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करें।
  • मानसिक संताप के लिए ₹1,00,000 का मुआवजा दे।
  • 10,000 रुपये का परिवाद व्यय भी अदा करें।

बीमाधारकों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय

यह निर्णय बीमा कंपनियों द्वारा अनुचित रूप से क्लेम खारिज करने की प्रवृत्ति पर एक कड़ा संदेश देता है। आयोग ने साफ किया कि अगर मृत्यु का कारण स्पष्ट है और वैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया है, तो बीमा कंपनियां बिना ठोस आधार के क्लेम अस्वीकार नहीं कर सकतीं।

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