लिव-इन कपल्स को सेफ रखेगी राजस्थान पुलिस; कोर्ट के आदेश के बाद आई SOP में क्या?

Rajasthan Police Issues SOP: राजस्थान पुलिस ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक SOP जारी की है। जिसके तहत विवाहित जोड़े और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोग अपनी सुरक्षा की मांग कर सकते हैं। राजस्थान पुलिस के इस फैसले के बाद लिव-इन में रहने वाले जोड़ो को काफी राहत मिली है।

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Rajasthan Police Issues SOP: राजस्थान पुलिस ने क नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है। जिसके तहत शादीशुदा जोड़ों और लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को सुरक्षा दी जाएगी। इस कदम को उठाने के पीछे हाई कोर्ट का आदेश है, जिसमें राज्य को ऐसे जोड़ों की सुरक्षा के लिए तंत्र स्थापित करने को कहा गया था। जो लोग पुलिस सुरक्षा चाहते हैं वो स्वयं या किसी प्रतिनिधि या वकील के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। अगर उन्हें किसी से खतरा महसूस होता है तो वो इसके लिए नामित नोडल अधिकारी से सुरक्षा की मांग कर सकते हैं।

जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर

ऐसे कपल रिपोर्ट के लिए डायल 112, महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, राज्य स्तरीय व्हाट्सएप हेल्पलाइन 8764871150, जिला स्तरीय व्हाट्सएप हेल्पलाइन एवं पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर, जिला स्तर पर संचालित नियंत्रण कक्ष की ईमेल आईडी पर अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। एसओपी में जो लिखा है उसी के मुताबिक जितनी जल्दी हो सकेगा नोडल अधिकारी आपके लिए सुरक्षा का इंतजाम करेगा। पीटीआई के मुताबिक, इसके बारे में पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (सिविल राइट्स) भूपेंद्र साहू ने आदेश दिए हैं।

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कैसे दर्ज की जाएगी शिकायत?

नोडल अधिकारियों को धमकियों की रिपोर्ट करने वाले जोड़ों की शिकायत पर तत्काल एक्शन लेने का काम दिया गया है। इन अधिकारियों को सीसीटीवी निगरानी के तहत ऑडियो और वीडियो से बयान दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद खतरे की पहचान होने पर सुरक्षा प्रदान देगी होगी। अगर नहीं दी तो उन्हें उनके फैसले के लिए उनको कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा, जिसका उनको स्पष्टिकरण देना होगा।

शादीशुदा लोगों को भी मिलती हैं धमकियां

आपको बता दें कि पिछले महीने राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर पीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे। आदेश में उनको ध्यान में रखकर दिया गया था जो लोग सामाजिक विरोध झेल रहे हैं या उनके जीवन को किसी से खतरा है, उनको सुरक्षा देने के निर्देश थे। कोर्ट ने लिव इन में रहने वाले जोड़ों के अलावा शादीशुदा जोड़ों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई। जो लोग शादी के बाद भी धमकियों का सामना कर रहे हैं उन्ही में से एक ने याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया।

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