किरण जाट कौन? पहले पति ने तलाक मांगा, फिर प्रेमी भी साथ छोड़ गया; नौकरी के चक्कर में पहुंची जेल
Kiran Jat Arrested: फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ काम कर रही राजस्थान की जोधपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सितंबर 2021 में रीट परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा होने के आरोप लगे थे। पेपर लीक के अलावा फर्जी अभ्यर्थियों से परीक्षा दिलवाए जाने के कई मामले सामने आए थे। फर्जीवाड़े के कई मुकदमे अलग-अलग जिलों में दर्ज किए गए थे। बालोतरा जिला पुलिस स्टेशन में कई महिला अभ्यर्थियों के खिलाफ फर्जी तौर पर परीक्षा दिलवाकर नौकरी हासिल करने के आरोप लगे थे।
दो महिलाओं को पहले अरेस्ट कर चुकी पुलिस
केस दर्ज होने के बाद कई महिलाएं फरार हो गई थीं। वांछित महिलाओं की धरपकड़ के लिए जोधपुर के आईजी विकास कुमार ने विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने कुछ दिन पहले 25-25 हजार की इनामी महिला संगीता और भंवरी को अरेस्ट कर लिया था। अब 25 हजार की एक और इनामी महिला किरण जाट को दबोच लिया गया है। जो तीन साल से फरार चल रही थी। IG विकास कुमार के अनुसार किरण फर्जीवाड़ा गैंग में शामिल थी।
फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने का उसने प्रयास किया था। लेकिन कामयाबी नहीं मिली। कुछ अन्य वांछित अपराधी भी हैं, जिनकी पुलिस को अभी तलाश है। आईजी का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वे कह रहे हैं कि फरार अपराधी चाहे कहीं भी हों। पुलिस उनकी नींद हराम कर देगी। उनको हर हाल में काबू करके रहेगी। केस दर्ज होने के बाद किरण को अपनी ससुराल छोड़नी पड़ी थी। ससुर ने उसे घर से निकाल दिया था। जिसके बाद पति ने कोर्ट में अर्जी लगाई और तलाक ले लिया था।
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इसके बाद किरण अपने एक प्रेमी के साथ रही। लेकिन प्रेमी ने कुछ दिन बाद उसका साथ छोड़ दिया था। इसके बाद किरण फरारी काटने के लिए कई जगह भटकती रही। स्पेशल टीम ने उसे खेड़ापा के पास से दबोचा है। महिला अपनी कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर घूम रही थी। ऐसे में उसके खिलाफ एक और केस भी दर्ज किया गया है। विकास कुमार के अनुसार किरण जाट बाड़मेर जिले के केकड़ की रहने वाली है। रीट परीक्षा के चक्कर में वह गलत लोगों के संपर्क में आ गई। बीते दो महीने से वह राजस्थान के बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर और सांचोर जिलों में भटक रही थी।
8 लाख में किया था टीचर बनने का सौदा
बता दें कि किरण जाट ने टीचर बनने के लिए 8 लाख में सौदा किया था। अपनी जगह किसी दूसरी महिला को परीक्षा में बैठाना चाह रही थी। लेकिन इससे पहले ही उसका गैंग पकड़ा गया। किरण जोधपुर से फतेहपुर के सीकर गई थी। लेकिन साइक्लोनर टीम को उसके ठिकाने का पता लग गया था। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले वह भागने में कामयाब रही। बताया जा रहा है कि उसका एक पुरुष मित्र भी उसके साथ था। उसकी कार पर जो फर्जी प्लेट लगी थी, वह गुजरात की थी। हैरानी की बात है कि यह नंबर फास्टैग पर एक्टिव था।
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