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राजस्थान: स्कूली बच्चों ने सूर्य नमस्कार कर फिर रचा इतिहास, एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने बनाया रिकॉर्ड

Surya Namaskar In Rajasthan: राजस्थान में सोमवार को सूर्य नमस्कार को लेकर रिकॉर्ड बनाया गया। हर जिले में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सूर्य नमस्कार किया गया।
12:22 PM Feb 03, 2025 IST | Deepti Sharma
राजस्थान  स्कूली बच्चों ने सूर्य नमस्कार कर फिर रचा इतिहास  एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने बनाया रिकॉर्ड
Surya Namaskar In Rajasthan

Surya Namaskar In Rajasthan (के.जे श्रीवत्सन): राजस्थान में सोमवार को सूर्य सप्तमी के अवसर पर फिर इतिहास रचा गया। सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में आज सामूहिक सूर्य नमस्कार का रिकॉर्ड बनाया गया। राजस्थान के 78,500 से भी ज्यादा स्कूलों के करीब 1 करोड़ 33 लाख से भी ज्यादा विद्यार्थियों और स्टाफ ने एक साथ सामूहिक सूर्य नमस्कार किया। इससे जुड़े तमाम आंकड़े राजभर से मिलने के बाद सरकार इसे रिकॉर्ड के लिए भेजेगी।

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दरअसल, 4 फरवरी को सूर्य सप्तमी है लेकिन राजकीय अवकाश के चलते राजस्थान सरकार ने स्कूलों में आज यानी 3 फरवरी को ही सूर्य नमस्कार मनाने का फैसला किया था। इसे लेकर राज्य में शिक्षा विभाग, खेल परिषद और क्रीड़ा भारती के सहयोग से इस सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जयपुर में मुख्य कार्यक्रम एसएमएस स्टेडियम के फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित किया गया जिसमें शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव सहित करीब 4000 से भी ज्यादा बच्चे मौजूद थे।

कितने बजे शुरू हुआ सूर्य नमस्कार

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 9:00 बजे सामूहिक सूर्य नमस्कार की शुरुआत हुई। करीब 20 मिनट तक हुए इस कार्यक्रम में सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, गणमान्य व्यक्तियों, अभिभावकों की भागीदारी भी नजर आई।
गौरतलब है कि पिछले साल भी शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश के बाद सामूहिक सूर्य नमस्कार किया गया था। पिछले साल प्रदेश के 78,974 स्कूलों में 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इस बार शिक्षा विभाग में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने के प्रयास का दावा किया है।

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सबसे अच्छी बात यह रही कि कुछ मुस्लिम संगठनों ने सूर्य नमस्कार को उनके समुदाय के बच्चों से कराए जाने का विरोध किया, लेकिन कई स्कूलों में पढ़ने वाले मुस्लिम समुदाय के बच्चे भी आज इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते नजर आए।

बच्चों ने शेयर किए अनुभव

न्यूज 24 से बातचीत में बच्चों ने साफ तौर पर कहा कि इसे किसी धर्म से जोड़कर देखने की बजाय यदि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी से जोड़कर किया जाए तो किसी को इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

इस बार के सूर्य नमस्कार की खासियत यह भी थी कि इसके सामूहिक आयोजन से पहले 26 जनवरी से ही शारीरिक शिक्षकों, दक्ष प्रशिक्षकों और एनजीओ के जरिए इसका अभ्यास नियमित रूप से स्कूलों में करवाया गया। जिन्होंने इसे सही से करने के तरीकों के साथ ही विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार का महत्व भी समझाया। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने न्यूज 24 से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान सरकारी स्कूलों में नियमित रूप से सूर्य नमस्कार के आयोजनों को बढ़ावा दे रही है और इसके फायदे से भी बच्चों को रूबरू कराया जा रहा है।

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