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डमी बन पेपर देने वाली सरकारी टीचर वर्षा बिश्नोई गिरफ्तार, सिर पर था 25 हजार का था इनाम

डमी कैंडिडेट बनकर एग्जाम देने के बदले वर्षा बिश्नोई मोटी रकम लेती थी। SOG टीम की दबिश से पहले ही वर्षा बिश्नोई फरार हो गई थी। SOG की ओर से वर्षा बिश्नोई पर 25 हजार रुपए का इनाम रखा गया था।
07:53 PM Oct 07, 2024 IST | Amit Kumar
Varsha Bishnoi
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केजे श्रीवत्सन, कोटा

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Varsha Bishnoi Arrested : सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती 2021 धांधली मामले में डमी अभ्यर्थी बनकर बैठने वाली वर्षा बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया गया है। सोमवार सुबह जोधपुर रेंज आईजी की टीम ने वर्षा को कोटा से पकड़ा है। वह काफी समय से स्टूडेंट बनकर फरारी काट रही थी। अब एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) मुख्यालय जयपुर में वांटेड वर्षा बिश्नोई से पूछताछ की जाएगी। वर्षा जालोर के सांचौर के सरनाऊ गांव की रहने वाली है।

एसओजी ने बताया कि वर्षा जोधपुर में सरकारी टीचर के पद पर थी। वह डमी अभ्यर्थी बनकर कई परीक्षाएं दे चुकी है। राजस्थान पुलिस एसआई भर्ती-2021 में एसआई जगदीश सिहाग ने वर्षा को अपनी बहन इंदुबाला और भगवती की जगह डमी कैंडिडेट बनाकर परीक्षा में बैठाया था। वर्षा बिश्नोई ने दोनों बहनों के बदले एग्जाम देने के लिए 15-15 लाख रुपये लिए थे। वर्षा ने इंदुबाला और भगवती के एडमिट कार्ड पर खुद की फोटो लगाई थी। 13 सितंबर 2021 को जयपुर के झोटवाड़ा खिरणी फाटक स्थित सिद्धार्थ पब्लिक सेकेंडरी स्कूल के एग्जाम सेंटर पर डमी कैंडिडेट बनकर उसने परीक्षा दी थी।

25 हजार का रखा था इनाम

मार्च 2024 में SOG गिरफ्त में आए SI जगदीश सिहाग से पूछताछ में जोधपुर में ग्रेड फर्स्ट टीचर वर्षा बिश्नोई का नाम सामने आया था। जांच में पता चला कि वर्षा अन्य कॉम्पिटिशन एग्जाम में भी डमी कैंडिडेट बनी थी। डमी कैंडिडेट बनकर एग्जाम देने के बदले वह मोटी रकम लेती थी। SOG टीम की दबिश से पहले ही वर्षा बिश्नोई फरार हो गई थी। SOG की ओर से वर्षा बिश्नोई पर 25 हजार रुपए का इनाम रखा गया था।

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ऑपेरशन डॉक्टर फिक्सिट

जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने बताया कि पेपर लीक कांड की जांच SOG कर रही है। पिछले करीब 6 महीने पहले 25 हजार का इनाम घोषित होने के बाद से वर्षा बिश्नोई फरार चल रही थी। वांटेड इनामी वर्षा बिश्नोई की तलाश के लिए ऑपरेशन डॉक्टर फिक्सिट शुरू किया गया था।  पिछले तीन महीने की कोशिश के बाद टीम को कोटा में वर्षा की लोकेशन मिली। सोमवार तड़के टीम ने कोटा के जवाहर नगर इलाके में वर्षा बिश्नोई को पकड़ लिया।

वह एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर के घर पर फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ नाम बदलकर पीजी में रह रही थी। टीम के पहुंचने पर उसने खुद का नाम विमला बताकर फर्जी आधार कार्ड भी दिखाया। लेकिन, सख्ती से पूछताछ के बाद वर्षा बिश्नोई का झूठ पकड़ लिया गया। शुरुआती पूछताछ में वर्षा ने डमी कैंडिडेट के रूप में बैठकर एग्जाम देने की बात स्वीकार कर ली है।

पहली नियुक्ति में ही फंसा जगदीश

जगदीश सिहाग का साल 2014 में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ था। उसे पहली नियुक्ति बालोतरा (बाड़मेर) में मिली थी। जगदीश पहली नियुक्ति में ही एक मामले में रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। हालांकि बाद में वह बरी हो गया था। अक्टूबर 2022 तक वह जैसलमेर में तैनात रहा। इसके बाद उसका भरतपुर एसपी ऑफिस में तबादला हो गया। एसओजी ने भरतपुर एसपी ऑफिस से ही उसे गिरफ्तार किया था।

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