Chanakya Niti: चाणक्य की 10 बातें, जो कभी भी आपको हारने नहीं देगी!

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की कही हुई बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितना हजारों साल पहले थी। चाणक्य की बातें को समझकर किसी भी परिस्थिति से आसानी से बाहर निकला का सकता है। इस लेख में आचार्य चाणक्य की कुछ ऐसी ही बातें बताएंगे जिन्हे आजमाकर किसी भी संकट को हराया जा सकता है।

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के नीतियों को अपनाकर कई परेशानियों को दूर किया जा सकता है। चाणक्य के नीतिशास्त्र में  जीवन के हर पहलू का वर्णन किया गया है । चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में संकटों के समय मनुष्यों को कैसा व्यवहार करना चाहिए इसके बारे में विस्तार से बताया है। आइये जानते हैं कि इन 10 बातों के जरिये  संकट से कैसे बचा जा सकता है।

1. आचार्य चाणक्य अपने नीतिशास्त्र में लिखते हैं कि चाहे परिस्थितियां कितना भी बुरा क्यों न हो, हमेशा मन में सकारात्मक विचार ही रखें, नकारात्मक विचार को कभी भी मन पर हावी न होने दें ।

2. चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य के लिए धैर्य सबसे बड़ा हथियार हैं। यही धैर्य विपरीत परिस्थितियों ढाल बनती है। संकट के समय जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करनी चाहिए। विकट परिस्थिति का सामना धैर्य पूर्वक करना चाहिए।

3. मनुष्यों को किसी के भावनाओं में बहकर कभी भी कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। भावनाओं में लिया गया फैसला अधिकतर गलत ही साबित होता है। इसलिए कोई भी फैसला अपनी बुद्धि और विवेक के अनुसार करें।

4. संकट के समय मनुष्यों को कभी भी मित्रों ,परिवार के लोगों और निकट संबंधियों से सहायता मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि बुरे समय में कोई पराया काम नहीं आता, अपने ही काम आते हैं।

5. चाणक्य का कहना है कि जीवन में निराश होकर कभी हार नहीं माननी चाहिए। हर समय अपना कर्म करते रहना चाहिए। अपना कर्म करते रहने से आप जल्द ही संकट से बाहर आ सकते हैं।

6. आचार्य के अनुसार जीवन में धन-दौलत,राज्य सब कुछ दोबारा हासिल किया जा सकता है लेकिन शरीर अगर एक बार चला जाता है तो उसे हासिल नहीं किया जा सकता, इसलिए स्वस्थ रहने के लिए समय पर पौष्टिक भोजन करते रहना चाहिए।

7. नीतिशास्त्र की माने तो योग और प्रार्थना करना कठिन समय में भी नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि कठिन समय में यही दोनों मनुष्यों को मानसिक शांति प्रदान करती है।

8. चाणक्य कहते हैं कि समय की महत्ता का पता सबसे ज्यादा संकट के समय ही चलता है, इसलिए संकट के समय भी समय का सही से धैर्यपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए

9. चाणक्य कहते हैं संकट के समय सामर्थ्य का सही इस्तेमाल करके भी संकट को दूर किया जा सकता है। संकट के समय अपने दोषों को पहचानने से भी परिस्थिति को सुधारा जा सकता है।

10 आचार्य चाणक्य कहते हैं संकट के समय मनुष्यों को साहस नहीं खोनी चाहिए । संकट के समय जो मनुष्य अपना साहस खो बैठता है वो संकट से कभी भी बाहर नहीं आ सकता।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

 

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