होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Hindu Temples: श्री विष्णु के इस मंदिर में होती है छिपकलियों की पूजा, दर्शन मात्र से दूर होंगे पाप!

Arulmigu Sri Varadharaja Perumal Temple: तमिलनाडु के कांचीपुरम में श्री विष्णु का एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जहां पर छिपकलियों की पूजा होती है। चलिए जानते हैं इसी मंदिर से जुड़ी रोचक और मुख्य बातों के बारे में।
01:27 PM Nov 17, 2024 IST | Nidhi Jain
Advertisement

Arulmigu Sri Varadharaja Perumal Temple: देश में देवी-देवताओं को समर्पित कई ऐसे मंदिर हैं, जिनके इतिहास के बारे में जानकर लोग दंग रह जाते हैं। हालांकि देवी-देवताओं के अलावा देश में मेंढक, चूहे और भेड़ियों के भी मंदिर हैं, जिनकी खास आस्था लोगों से जुड़ी है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां छिपकलियों की पूजा होती है।

Advertisement

माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से यहां पर छिपकलियों की पूजा करता है और प्रतिमा को स्पर्श करता है, तो उसकी हर इच्छा पूरी होती है। साथ ही पापों से भी मुक्ति मिलती है। चलिए अब विस्तार से जानते हैं छिपकलियों के इस मंदिर से जुड़े इतिहास और मान्यता के बारे में।

सोने की छिपकली की होती है पूजा

तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर में वरदराज पेरुमल मंदिर स्थित है। ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। खास बात ये है कि यहां पर देवी-देवताओं के अलावा छिपकलियों की भी पूजा होती है। वरदराज पेरुमल मंदिर की छत पर सोने की छिपकली की मूर्ति है, जिसे स्पर्श करने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। इसके अलावा मंदिर में छिपकली की कई और मूर्तियां भी हैं, जिनकी रोजाना विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।

Advertisement

ये भी पढ़ें- Guru Gochar: 11 दिन तक इन 3 राशियों पर गुरु बरसाएंगे धन, हर काम में मिलेगी सफलता!

श्राप से राजा बने थे छिपकली!

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में यहां पर मौजूद एक कुएं में यादवों ने विशाल छिपकली को देखा था। जब इस बात की जानकारी श्री कृष्ण को हुई, तो उन्होंने उस छिपकली को बाहर निकाला। जैसे ही श्री कृष्ण ने छिपकली को छुआ, वो एक इंसान बन गए। उन्होंने श्री कृष्ण को बताया कि वो एक राजा थे, जिसे एक ब्राह्मण ने छिपकली बनने का श्राप दिया था।

मंदिर का निर्माण कब हुआ था?

वरदराज पेरुमल मंदिर को छिपकली का मंदिर भी कहा जाता है, जिसका निर्माण 1053 में किया गया था। 1053 के कुछ साल बाद कुलोत्तुंग चोल और चोल साम्राज्य के राजा विक्रम चोल ने इस मंदिर का विस्तार किया और इसे भव्य रूप दिया। अब यहां पर छिपकलियों की मूर्ति के अलावा विष्णु भगवान की भी पूजा होती है।

ये भी पढ़ें- Video: शनि की विशेष कृपा से इन 3 राशियों के बनेंगे बिगड़े काम, निवेश से होगा तगड़ा मुनाफा!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Astrologyhindu temples
Advertisement
Advertisement