चुनाव 2024खेलipl 2024वीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीipl 2023भारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

वरुथिनी एकादशी पर तीन शुभ योग एक साथ, संतान प्राप्ति और सौभाग्य के लिए करें उपाय

भगवान विष्णु को समर्पित वरुथिनी एकादशी 4 मई, 2024 को मनाई जाएगी। इस एकादशी के दिन तीन बहुत शुभ योग बन रहे हैं। इस शुभ दिन को संतान प्राप्ति और सौभाग्य के लिए उपाय करने से मनोकामना पूरी होती है।
08:15 AM Apr 30, 2024 IST | News24 हिंदी
वरुथिनी एकादशी के उपाय
Advertisement

Varuthini Ekadashi Upay: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को भगवान विष्णु को समर्पित है। प्रत्येक महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की यह तिथि बेहद शुभ और पवित्र मानी गई है। कुल 24 एकादशियों में से एक वरुथिनी एकादशी 4 मई, 2024 को मनाई जाएगी। इस एकादशी की तिथि की शुरुआत 3 मई की रात 11 बजकर 23 मिनट से होगी और अंत 4 मई की रात 8 बजकर 37 मिनट पर होगा। इसलिए वरुथिनी एकादशी 4 मई को मनाई जाएगी। जो श्रद्धालु इस एकादशी का व्रत करेंगे, वे 5 मई को इसका पारण करेंगे, पारण का समय सुबह 5:36 बजे से 8:16 बजे तक तक है।

Advertisement

बन रहे हैं ये शुभ योग

वरुथिनी एकादशी के तीन बहुत शुभ योग बन रहे हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन एक साथ त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और वैधृति योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष ग्रंथों में इन योगों की बहुत प्रशंसा की गई है। कहा गया है कि जिस प्रकार सूर्य के उदय होने पृथ्वी का अंधेरा छंट जाता है, उसी प्रकार इन योगों के बनने से जीवन से दुखरुपी अंधकार दूर हो जाता है। मान्यता है कि त्रिपुष्कर योग और इंद्र योग में संतान प्राप्ति और सौभाग्य में वृद्धि के लिए किए गए उपायों का दोगुना फल मिलता है। वरुथिनी एकादशी के साथ इन योगों के शुभ संयोग से भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मनोकामना को पूरा करने में सहायक होगा।

वरुथिनी एकादशी के उपाय

1.  विष्णु और लक्ष्मी पूजा

वरुथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें। उनसे अपना संतान प्राप्ति का संकल्प बताएं और विनम्र प्रार्थना करें। संतान प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु का मंत्र- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं विष्णवे नमः' और मां लक्ष्मी का मंत्र- 'ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः' जाप करें।

2. कृष्ण पूजा

डॉक्टर और वैद्यों से ईलाज और काफी प्रयास करने के बाद भी यदि जीवन में संतान सुख नहीं है, तो यह भाग्य का ही दोष है। वरुथिनी एकादशी के दिन 'ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः' मंत्र का जाप कर भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करें। इस मंत्र के साथ 'गोपाल सहस्त्रनाम' का पाठ भी करें। ऐसा करने से शीघ्र ही शुभ समाचार प्राप्त होगा।

Advertisement

3. गजेन्द्र मोक्ष का पाठ

जीवन में सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि और किसी भी बड़ी कठिनाई को दूर करने के लिए गजेन्द्र मोक्ष और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। भगवान विष्णु की कृपा से बिगड़े हुए काम भी बन जाएंगे।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

Advertisement
Tags :
Bhagawan VishnuReligionVaruthini ekadashi
Advertisement
Advertisement