होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

क्यों लगता है श्री बांके बिहारी में बार-बार पर्दा? 5 पॉइंट में जानें मंदिर से जुड़े रहस्य

Banke Bihari Mandir: बांके बिहारी मंदिर की होली देश ही नहीं विदेश में भी बहुत ज्यादा फेमस है। यहां फूलों और रंगों के साथ-साथ लट्ठमार होली भी खेली जाती है। आज हम आपको इसी मंदिर से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में बताएंगे।
08:00 AM Mar 14, 2024 IST | Nidhi Jain
Advertisement

Banke Bihari Mandir: हिंदू धर्म में होली का बहुत महत्व है। लोग इस दिन आपसी बैर भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं। इसके अलावा हर्षोल्लास के साथ ये त्योहार मनाते हैं। होली के दिन घरों में तो अलग ही धूम देखने को मिलती ही है। वहीं इसी के साथ हिंदू मंदिरों को भी रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से सजाया जाता है।

Advertisement

होली के त्योहार के दिन श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां रंगों और फूलों के साथ-साथ रास लीला भी की जाती है। इसके अलावा मथुरा के श्री बांके बिहारी मंदिर में होली के एक महीने पहले से ही होली खेलनी शुरू हो जाती है। यहां की होली देश ही नहीं विदेश में भी बहुत फेमस है। इसलिए होली खेलने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं। आज हम आपको श्रीकृष्ण के इसी मंदिर से जुड़ी कुछ अद्भुत और विशेष बातों के बारे में बताएंगे।

ये भी पढ़ें- फूलों से लेकर भस्म तक, देश के इन प्रसिद्ध मंदिर में खास तरीके से खेली जाती है होली

क्यों प्रसिद्ध है श्री बांके बिहारी मंदिर की होली?

श्री बांके बिहारी मंदिर, मथुरा जिले के वृंदावन धाम में स्थित है, जो उत्तर प्रदेश में है। यह देश के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक हैं, जो कि श्रीकृष्ण को समर्पित है। इसके अलावा इस मंदिर की होली भी विश्व प्रसिद्ध है। यहां होली से एक-दो या तीन दिन पहले नहीं बल्कि 40 दिन पहले रंग-गुलाल से होली खेलनी शुरू हो जाती है। वहीं यहां पर लट्ठमार होली भी खेली जाती है।

Advertisement

बांके बिहारी मंदिर में पर्दे क्यों लगाते हैं?

श्री बांके बिहारी की एक खासियत ये है कि इस मंदिर के दर्शन श्रद्धालुओं को टुकड़ों-टुकड़ों में कराए जाते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में जो श्रीकृष्ण की मूर्ति है वो अपने भक्तों के साथ उनके घर भी चली जाती है।

दरअसल, कहा जाता है कि एक बार भरतपुर की रानी यहां पर श्री बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए आई थी। जब उन्होंने श्री बांके बिहारी को देखा, तो वो उन्हें देखती ही रह गई, जिसके बाद ठाकुर जी खुश होकर उन्हीं के साथ चले गए। मंदिर में कहीं भी ठाकुर जी की मूर्ति नहीं दिखाई दी, जब बाद में पता करा तो ठाकुर जी की मूर्ति रानी के महल में मौजूद थी। लेकिन किसी को ये नहीं पता चला कि मूर्ति महल कैसे गई। हालांकि फिर बार में रानी ने ठाकुर जी की मूर्ति वापस कर दी थी। इसके बाद से हर दो-दो मिनट में ठाकुर जी की मूर्ति के सामने पर्दा किया जाता है।

बांके बिहारी में किस दिन होती है मंगला आरती?

बता दें कि श्री बांके बिहारी के कई रहस्य हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है। जैसे कि यहां पर साल में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती होती है। वहीं साल में एक बार ही भक्तों को श्री बांके बिहारी के चरणों के दर्शन कराए जाते हैं।

यहां पर अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर जी के चरणों में चंदन का लेप लगाया जाता है और सिर्फ उसी दिन बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन होते हैं। वहीं बांके बिहारी साल में सिर्फ एक बार ही बंसी और मुकुट धारण करते हैं। दरअसल मान्यता है कि ठाकुर जी के हाथ बहुत ज्यादा कोमल होते हैं। इसलिए हर समय उनके हाथ में बांसुरी नहीं रहती है।

ये भी पढ़ें- Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर ही क्यों खुलते हैं इस मंदिर के कपाट? वजह काफी चौंकाने वाली

Open in App
Advertisement
Tags :
Banke Bihari MandirHindu Temple
Advertisement
Advertisement