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Saraswati Puja 2025: 2 फरवरी को बसंत पंचमी पर मनाई जाएगी सरस्वती पूजा; जानें सटीक मुहूर्त, पूजा से होगा महालाभ!

Saraswati Puja 2025: मां सरस्वती त्रिदेवियों लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा में से एक हैं, जो शिक्षा, ज्ञान और कला की अधिष्ठात्री देवी हैं। बसंत पंचमी के मौके पर इस साल उनकी पूजा 2 फरवरी की जाएगी। आइए जानते है, सरस्वती पूजन का सटीक मुहूर्त और प्रामाणिक मंत्र, जिससे महालाभ होगा।
08:00 PM Jan 24, 2025 IST | Shyam Nandan
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Saraswati Puja 2025: हिंदू धर्म में, मां सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला और वाणी की देवी माना जाता है। उन्हें शिक्षा और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है। वे त्रिदेवियों लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा में से एक हैं। मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से बसंत पंचमी के दिन की जाती है। इस साल यानी 2025 में देवी सरस्वती की पूजा 2 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन विद्यार्थी, शिक्षक और कलाकार विशेष रूप मां सरस्वती की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं, सरस्वती पूजा के लिए सही और सटीक मुहूर्त का महत्व क्या है और इस साल उनके पूजा का सही और उचित मुहूर्त क्या है?

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ऐसा है मां सरस्वती का दिव्य स्वरूप

मां सरस्वती अक्सर कमल के फूल पर या अपने वहां हंस पर बैठी हुई दिखाई देती हैं। जहां कमल शुद्धता और ऊर्जा का प्रतीक है, वहीं हंस को ज्ञान और विवेक का प्रतीक माना गया है। देवी सरस्वती को श्वेत यानी सफेद रंग बेहद प्रिय है। इसलिए वे हमेशा सफेद वस्त्र वस्त्र धारण करती हैं, जो पवित्रता और शांति का प्रतीक है। मां सरस्वती के हाथ में वीणा होती है जो संगीत का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि वे कला और सौंदर्य की देवी हैं। उनके दूसरे हाथ में एक पुस्तक होती है जो ज्ञान का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि वे विद्या और शिक्षा की देवी हैं।

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मां सरस्वती मंत्र

'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै नमः' यह मां सरस्वती का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है। इस मंत्र से मां सरस्वती की आराधना से ज्ञान, बुद्धि, कला और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। वहीं मां सरस्वती को 'ॐ सरस्वत्यै नमः' से नमस्कार यानी प्रणाम किया जाता है। यह मंत्र भी बेहद शक्तिशाली मंत्र माना गया है। मां सरस्वती की पूजा में पीले रंग के फूल, मिठाई और धूप का उपयोग किया जाता है। पीले रंग का फूल न होने पर मां सरस्वती को सफेद और लाल रंग के पुष्प भी चढ़ाए जाते हैं।

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सटीक मुहूर्त में पूजा से होगा महालाभ

हिंदू धर्म के मान्यता है कि ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति किसी भी कार्य के परिणाम को प्रभावित करती है और मुहूर्त का निर्धारण करके, हम इन ग्रहों की शक्तियों का लाभ उठा सकते हैं। यह बात सरस्वती पूजा के लिए भी सही है, क्योंकि सरस्वती पूजा को शुभ मुहूर्त में संपन्न करने से जीवन में अनुकूलता आती है। सही और उचित मुहूर्त में मां सरस्वती की आराधना उनको प्रसन्न करती है, वे मनचाहे ज्ञान का वरदान देती हैं और साधक और भक्त को ज्ञान और समृद्धि का महालाभ होता है।

सरस्वती पूजा 2025 का सटीक मुहूर्त

साल 2025 में बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी और 3 फरवरी 2025 को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा। चूंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसकी सुबह 07:09 बजे से होगी। इसलिए पूजा सुबह 7:09 बजे से शुरू की जा सकती है, लेकिन पूजा का सबसे सही समय सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी। इस प्रकार, पूजा का यह शुभ समय कुल 5 घंटे 26 मिनट का होगा।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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