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भगवान बुद्ध ने कहां बिताए थे ज्ञान के वो सात सप्ताह? जानें एक-एक सप्ताह का महत्व

Buddha Purnima 2024: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध ने बोधगया में महाबोधि मंदिर में सात सप्ताह बिताए थे। तो आज इस खबर में इसी सात सप्ताह के बारे में जानेंगे कि आखिर कहां-कहां सात सप्ताह बिताए थे।
12:55 PM May 22, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
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Mahabodhi Temple, Bodh Gaya: बौद्ध की नगरी कहे जाने वाला बोधगया जो बिहार में स्थित है। बिहार की राजधानी पटना से लगभग 115 किलोमीटर दूर पर बोधगया स्थित है। बोधगया गया जिला से सटा हुआ एक शहर भी है। फल्गु नदी तट के किनारे बुद्ध भगवान का महाबोधि मंदिर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का संबंध सीधे भगवान बुद्ध से माना गया है। गया के महाबोधि मंदिर वर्ष 2002 में विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी गई थी। बोधगया में भगवान बुद्ध ने सात सप्ताह बिताए थे। तो आज इस खबर में जानेंगे कि बोध गया में भगवान बुद्ध कहां-कहां सात सप्ताह बिताए थे। साथ ही क्या-क्या उपदेश दिए थे।

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पहला सप्ताह

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति के बाद बोधि वृक्ष के नीचे पहला सप्ताह बिताया था। वहीं वृक्ष के नीचे रहकर भगवान बुद्ध अपने शिष्यों को उपदेश दिया था।

दूसरा सप्ताह

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बोधगया के महाबोधि मंदिर के उत्तर भाग के बीचों-बीच अनिमेश लोचन चैत्य है। मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने दूसरा सप्ताह बोधि वृक्ष को एकटक देखते हुए बिताया था। मान्यता है कि भगवान बुद्ध इस पेड़ को एक नजर से देखते-देखते सात दिन गुजार दिए।

तीसरा सप्ताह

 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध ने महाबोधि मंदिर की उत्तरी दीवार के पास रत्न चक्रमा के पास अपना तीसरा सप्ताह बिताया था। मान्यता है कि जहां भगवान बुद्ध ने अपना पैर रखे थे वहां कमल खिल गया था।

चौथा सप्ताह

भगवान बुद्ध ने रतनगढ़ या रत्नाकर चैत्य नामक स्थान पर अपना चौथा सप्ताह का गुजारा किया था। रतनगढ़ को ज्वेल हाउस के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान बुद्ध के शरीर से इस दौरान छह रंगों की किरणें निकली थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध भगवान के शरीर से निकली छह रंग की किरणों को बौद्ध धर्म के अनुयायी अपना झंडा बनाया था।

पांचवां सप्ताह

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध अपना पांचवां सप्ताह मंदिर के पूरब की ओर अजपाला निग्रोध वृक्ष के नीचे बिताया था। बता दें कि एक पत्थर का है जो अजपात वृक्ष का प्रतीक है।

छठा सप्ताह

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध ने अपना छठा सप्ताह बोधगया के महाबोधि मंदिर के परिसर के दक्षिण दिशा में बिताया था। मंदिर के दक्षिण दिशा में स्थित कमल के तालाब या मूचालिंडा सरोवर है। मान्यता है कि आज भी सरोवर के अंदर भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित है। मान्यता है कि आज भी भगवान बुद्ध की मूर्ति की रक्षा एक सर्प करता है।

सातवां सप्ताह

मान्यता है कि गया के महाबोधि मंदिर के दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित राजयाताना वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने अपना सातवां सप्ताह बिताया था।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी पौराणिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Tags :
Bodh Gayabuddha purnimamahabodhi temple
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