होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Chaiti Chhath Puja 2024: नवरात्र के तीसरे दिन रखा जाएगा छठ महापर्व, जानें नहाय-खाय से लेकर सब कुछ

Chaiti Chhath Puja 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में चैती छठ महापर्व मनाया जाता है। छठ पर्व में पूरे 36 घंटे निर्जला रहकर व्रत किया जाता है। छठ पर्व को हिंदू धर्म का सबसे कठिन पर्व माना गया है। तो आज इस खबर में छठ पर्व से संबंधित सारी जानकारियों के बारे में जानेंगे।
02:16 PM Apr 07, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
Advertisement

Chaiti Chhath Puja 2024: हिंदू धर्म का सबसे कठिन और पवित्र पर्व छठ महापर्व है। पंचांग के अनुसार, एक साल में दो बाद छठ पर्व मनाया जाता है। एक चैती छठ और दूसरा कार्तिक मास की छठ। बता दें कि इस समय चैत्र माह चल रहा है और कुछ दिनों बाद चैती छठ का पर्व मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, चैती छठ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि चैती छठ का पर्व चैत्र माह में कब से शुरू हो रहा है। साथ ही नहाय खाय और खरना की शुभ तिथि क्या है। आइए इन सभी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Advertisement

चैती छठ पर्व की शुभ तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैती छठ का महापर्व 12 अप्रैल 2024 से लेकर 15 अप्रैल के बीच मनाया जाएगा। बता दें कि छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होगी।

12 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार को नहाय-खाय, 13 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को खरना, 14 अप्रैल 2024 दिन रविवार को संध्या अर्घ्य और 15 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को सुबह का अर्घ्य और पारण है।

नहाय-खाय पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नहाय खाय चैती छठ पर्व का पहला दिन है। इस दिन से चैती छठ पर्व की शुरुआत हो जाती है। इस दिन महिलाएं स्नान करके भगवान सूर्य देव की पूजा करती हैं। साथ ही शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करती हैं।

Advertisement

खरना क्या है

खरना छठ पर्व का दूसरा दिन है। इस दिन से महिलाएं 36 घंटे बिना कुछ खाए छठ पर्व का व्रत आरंभ करती हैं। बता दें कि इस दिन सूर्य को भोग आदि लगाया जाता है और प्रसाद तैयार किया जाता है। साथ ही शाम के समय में पीतल या मिट्टी के बर्तन में गुड़ की खीर, ठेकुआ आदि बनाया जाता है। छठ का पर्व बहुत ही पवित्र माना गया है इसलिए इस दिन नए चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्य देव को भोग लगाती हैं और अर्घ्य देकर प्रसाद ग्रहण करती हैं। साथ ही डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं।

उगते हुए सूर्य को अर्घ्य

माना जाता है कि छठ महापर्व का हर एक दिन का महत्व होता है। छठ पर्व का अंतिम दिन उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। मान्यता है कि जो लोग विधि-विधान से छठ पर्व का व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं उनके जीवन में खुशियां भरी रहती हैं। साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती हैं।

यह भी पढ़ें- कल लगेगा साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, क्या भारत में होगा सूतक काल मान्य?

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
chhath kharna pujaChhath Puja
Advertisement
Advertisement