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Havan Pujan : पंड‍ित जी नहीं म‍िल रहे तो टेंशन नहीं, खुद करें अष्टमी-नवमी पर हवन, जानें पूजा सामग्री और मंत्र

Chaitra Navratri Havan puja: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को हवन करना बेहद शुभ होता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि हवन करने की विधि क्या होती है, हवन मंत्र क्या है और हवन में क्या-क्या सामग्री की जरूरत होती हैं।
12:02 PM Apr 15, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
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Havan Pujan Vidhi Aur Mantra: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। आज मां कालरात्रि की पूजा की जा रही है। ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का बहुत महत्व होता है। इस दिन माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कन्या को भोजन कराया जाता है साथ ही हवन भी किया जाता है। नवरात्रि में हवन करना बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि जो लोग नवरात्रि में हवन करते हैंउनको शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही उनसे माता रानी प्रसन्न भी होती हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि के दिन किस तरह से हवन कर सकते हैं साथ ही हवन में पूजा सामग्री की क्या-क्या आवश्यकता होती है और हवन करने का मंत्र क्या होता है।

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हवन सामग्री

ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि में हवन करने से पहले हवन की सामग्री एकत्रित करें। हवन के लिए सबसे पहले एक हवन कुंड लें। इसके बाद धूप, गुग्गुल, मखाना, काजू, किशमिश, छुहारा, नारियल, मूंगफली, बेलपत्र, शहद, घी, अक्षत, सुगंध आदि इकट्ठा करें।

ज्योतिषियों के अनुसार, हवन सामग्री इकट्ठा करके सबको एक साथ मिला कर हविष्य (अग्नि में डालने वाली सामग्री) बना लें। उसके बाद हवन के लिए अग्नि प्रज्वलित करें। अग्नि प्रज्वलित करने के लिए रूई, आम की लकड़ी चंदन की लकड़ी, कपूर और माचिस रखें।

कैसे करें हवन

हवन करने के लिए एक उचित स्थान पर 8 ईंट जमाकर एक कुंड बनाएं या फिर आप बाजार से हवन कुंड भी ला सकते हैं। उसके बाद हवन में कुंड में धूप-दीप जलाएं। ज्योतिषियों के अनुसार, कुंड पर स्वास्तिक बनाएं और कच्चा सूत बांधकर कुंड की पूजा करें। उसके बाद आम की लकड़ी डालकर अग्रि को प्रज्वलित करें। साथ ही हवन कुंड में फल, शहद, घी और काष्ठ पदार्थ डालें और मंत्रों का जाप करें।

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इन मंत्रो से करें हवन

हवन की शुरुआत करते समय सबसे पहले ॐ आग्नेय नमः स्वाहा बोलकर अग्निकुंड में पदार्थों की आहुति दें। उसके बाद ॐ गणेशाय नमः स्वाहा का मंत्र का जाप करके आहुति दें। गणेश जी की आहुति देने के बाद नवग्रहों के देवताओं के नाम की आहुति दें। साथ ही कुल देवी-देवता और ग्राम देवता की आहुति दें। उसके बाद माता दुर्गा के सभी नामों से हवन कुंड में आहुति दें। जैसे ॐ दुर्गायै नमः स्वाहा। ॐ गौरियाय नम: स्वाहा। ॐ कालिकायै नमः स्वाहा आदि। इन मंत्रों का जाप करने के बाद दुर्गा सप्तशती या नर्वाण मंत्र का जाप करके आहुति दें। पूर्ण आहुति में 'ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।' इस मंत्र का जाप करें। इस तरह आप खुद से हवन कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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