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दोस्ती में इन 3 बातों को अनदेखा करने से आ सकती है दरार, जानें क्या कहती है 'चाणक्य नीति'

Chanakya Niti for Friends: हर एक व्यक्ति का कोई न कोई सच्चा मित्र होता ही है, जो मुश्किल से मुश्किल घड़ी में भी उसका साथ निभाता है। लेकिन कई बार उनकी ही कुछ गलतियों की वजह से उनके रिश्ते में दरार आने लगती है। आइए जानते हैं व्यक्ति की उन्हीं गलतियों के बारे में, जिससे उनकी दोस्ती टूट सकती है।
08:00 AM Jun 02, 2024 IST | Nidhi Jain
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Chanakya Niti for Friends: प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में हर एक दोस्त का अपना अलग महत्व होता है। जिंदगी में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के दोस्त होने चाहिए। जहां अच्छे व सच्चे दोस्त आपको जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। वही बुरे दोस्तों के साथ रहकर आपको जीवन के अनुभव मिलते हैं। लेकिन ऐसे लोगों से कभी भी घनिष्ठ मित्रता नहीं करनी चाहिए, नहीं तो इससे आपकी सफलता पर ब्रेक लग सकता है। इसलिए कहा भी जाता है कि दोस्त बनाते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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आचार्य चाणक्य का मानना था कि एक सच्चा दोस्त वही होता है, जो आपका बुरे से बुरे समय में भी साथ देता है। दोस्ती में भी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो इससे आपकी दोस्ती में दरार आ सकती है। चलिए जानते हैं उन्हीं बातों के बारे में, जिन्हें अनदेखा करने से मित्रता में दरार आ सकती है।

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लोभ

आचार्य चाणक्य ने अपने 'नीति शास्त्र' में बताया है कि दोस्ती के बीच कभी भी लोभ यानी लालच नहीं आना चाहिए। जब व्यक्ति के अंदर लोभ आ जाता है, तो वह स्वार्थी बन जाता है। उसे केवल अपना हित ही दिखाई देता है। ऐसे में दोस्ती में दरार आना आम बात है।

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दुख में दूरी बनाना

किसी भी व्यक्ति की अहमियत व उसके स्वभाव के बारे में तब पता चलता है, जब उसका दोस्त संकट में होता है। बुरे समय में अगर आपका दोस्त साथ नहीं देता है, तो इससे दोस्ती में दरार आ सकती है।

मर्यादा

प्रत्येक रिश्ते की एक सीमा होती है। अगर आप उस गरिमा यानी मर्यादा को पार करते हैं, तो इससे मन में खटास आने लगती है। जब एक बार व्यक्ति के मन में किसी को लेकर संशय आ जाता है, तो फिर वह रिश्ता ज्यादा समय तक टिक नहीं पता है। ऐसे में उस रिश्ते में दरार आनी पक्की है। इसलिए सदा दोस्ती की मर्यादा का ख्याल रखें।

आचार्य चाणक्य कौन थे?

चाणक्य को देश का महान रणनीतिकार माना जाता है। इसी के साथ वह एक योग्य सलाहकार और अर्थशास्त्री भी थे। कहा जाता है कि उनके पास जीवन से जुड़ी बड़ी से बड़ी परेशानी का समाधान होता था। उन्होंने अपने ज्ञान से लोगों के कल्याण के लिए "चाणक्य नीति शास्त्र" की रचना की थी।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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