Chanakya Niti: बच्चों को बिगाड़ती हैं माता-पिता की ये 5 आदतें, पछतावे से पहले करें बदलाव

Chanakya Niti: माता-पिता का पहला कर्तव्य होता है कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। उन्हें गुड हैबिट्स और बैड हैबिट्स के बीच का अंतर सिखाएं। लेकिन कई बार माता-पिता की ही कुछ आदतों के कारण बच्चे बिगड़ सकते हैं। आइए जानते हैं उन गलत आदतों के बारे में।

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Chanakya Niti: सभी माता-पिता चाहते हैं कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। लेकिन कई बार माता-पिता की ही कुछ गलत आदतों के कारण बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे न चाहते हुए भी वह बुरी संगत में पड़ जाते हैं। इसके अलावा उन्हें गलत चीजों की लत भी लग सकती है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में माता-पिता की 5 गलत आदतों के बारे में बताया है, जो उन्हें उनके बच्चे से दूर कर सकती हैं।

आचार्य चाणक्य सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी थे। उन्होंने अपने ज्ञान से ‘चाणक्य नीति शास्त्र’ की रचना की थी, जिसमें उन्होंने रिलेशनशिप से लेकर जीवन से जुड़ी लगभग हर छोटी-बड़ी परेशानी और उसके समाधान का उल्लेख किया है। इसी के साथ आचार्य चाणक्य ने माता-पिता की उन पांच बुरी आदतों के बारे में भी बताया है, जो खुद उनके बच्चे को गलत रास्ते पर चलने के लिए मजबूर करती हैं। आज हम आपको उन्हीं पांच गलत आदतों के बारे में बताएंगे।

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अभद्र भाषा का प्रयोग न करें

चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि हर एक बच्चे के लिए उसका पहला गुरु उसके मां-बाप ही होते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चों के सामने अच्छी भाषा का प्रयोग करें। अगर आप उनके सामने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे हो सकता है कि आपके बच्चे भी बड़े होकर आपसे इसी तरह व्यवहार करें। इसलिए अपने बच्चों के साथ हमेशा मधुर वाणी में ही बात करें।

झूठ न बोलें

माता-पिता होते हुए अगर आप अपने बच्चों से झूठ बोलते हैं, तो इससे वह भी झूठ बोलना सीखेंगे। आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आपको अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने हैं तो उनसे कभी भी झूठ न बोलें और ना ही उन्हें झूठ बोलने के लिए प्रेरित करें।

बातें न छिपाएं

चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि माता-पिता को अपने बच्चों से कभी भी कोई बात नहीं छुपानी चाहिए। अगर आप अपने बच्चों से बातें छुपाएंगे, तो फिर बच्चे भी अपने दिल की बात खुलकर आपसे नहीं कह पाएंगे। इससे न चाहते हुए भी पेरेंट्स और बच्चों के बीच दूरियां आने लगेंगी।

सम्मान करें

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि माता पिता को हमेशा अपने बच्चों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। अगर वह अपने बच्चों को सम्मान करेंगे, तो बच्चे भी उन्हें और बड़े-बुजुर्गों को सम्मान देंगे।

मजाक न उड़ाएं

चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि माता-पिता को अपने बच्चों की कमजोरी का कभी भी मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। इसके अलावा उन्हें अपने बच्चों के सामने कभी भी किसी और व्यक्ति की कमजोरी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। इससे बच्चों के दिमाग पर गलत असर करता है।

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