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चंद्र दोष को दूर भगाएंगे ये 5 ज्योतिष उपाय, वरना रुक जाएगी पर्सनल और प्रोफेशनल तरक्की

Chandra Dosh ke Upay: ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कुंडली में चंद्रमा का मजबूत होना जरूरी है, अन्यथा मनुष्य मानिसक रूप से अशांत रहता है। चिंता, डिप्रेशन, डर आदि से जीवन अस्त-व्यस्त रहता है। आइए जानते हैं, कुंडली में चंद्र दोष कब लगता है और इस दोष को दूर करने के ज्योतिषीय उपाय क्या हैं?
06:52 PM Jul 08, 2024 IST | Shyam Nandan
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Chandra Dosh ke Upay: वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को ग्रहों की रानी (Queen of the Planets) कहा गया है। ग्रहों के महत्व के अनुसार ग्रहों के क्रम में उसे दूसरे स्थान पर रखा गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मनुष्य की भावनाएं, मनोदशा, मन और मस्तिष्क चंद्रमा के आधार पर तय होती है। यही वजह है कि जीवन में चंद्रमा की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं, जीवन में चंद्रमा का महत्व क्या है, चंद्रमा कब अशुभ होते हैं और कुंडली का चंद्र दोष या चंद्र बाधा को किन ज्योतिष से दूर किया जा सकता है?

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जीवन में चंद्रमा का महत्व

वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा सबसे तेज चलने वाले ग्रह हैं, जो एक राशि में मात्र ढाई दिन रहते हैं। उनके ढाई दिन का गोचर भी काफी प्रभावशाली और जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने वाला होता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा मन का कारक माना है, जो इमोशंस यानी भावनाओं पर सबसे अधिक असर डालते हैं। किसी घटना से एक पल में हंसना और दूसरे पल में रोना चंद्रमा के प्रभाव से होता है। कहने का मतलब है कि मन का विचलित या स्थिर होना चंद्रमा के अधीन है।

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को सूर्य के बाद दूसरे स्थान पर रखा गया है और स्त्री ग्रह माना गया है। दूध, भोजन, कला, माता, विचार की शक्ति, कल्पना, मन, मस्तिष्क, भावुकता, दूध, जल और अन्य जलीय तत्व, चित्त की प्रसन्नता, मानसिक स्थिति, दयालुता, माता, चावल, कपास, सफेद वस्त्र, गला, दाहिनी आंख, कफ, पश्चिम दिशा, चांदी आदि चंद्रमा के मुख्य कारकत्व हैं। कुंडली में चंद्रमा के मजबूत या कमजोर होने से जीवन के इन सभी पहलुओं पर व्यापक असर होता है।

चंद्रमा कब होते हैं अशुभ?

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक जब कुंडली में चंद्रमा निर्बली यानी कमजोर होते हैं, तब वे अपना श्रेष्ठ फल नहीं पाते हैं। इसे ज्योतिष शास्त्र में 'चंद्र बाधा' या 'चंद्र दोष' कहा गया है। चंद्रमा तब सबसे ज्यादा अशुभ होते हैं, जब वे वृश्चिक राशि में होते हैं। इस राशि में चंद्रमा सबसे कमजोर माने गए हैं। जब चंद्रमा कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें में होते हैं, तब भी वे अशुभ होते हैं। साथ ही, यदि उन पर राहु, केतु, शनि और शुक्र की दृष्टि होती है, वे अशुभ प्रभाव दिखाते हैं। जब अशुभ ग्रहों से चंद्रमा की युति (संयोग) होती है, तब भी वे अशुभ हो जाते हैं।

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चंद्र दोष के उपाय

जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष होता है, वैसे व्यक्तियों का मनोबल बहुत कमजोर होता है। मानसिक रोग और कफ संबंधी रोग हो सकता है। आंखों से संबंधित परेशानियां बढ़ सकती हैं। ऐसे व्यक्तियों के मित्र बहुत कम होते हैं। इसलिए ये लोग हमेशा अकेलापन महसूस करते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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chandra doshChandramaChandrama ke Upay
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