Vidur Niti: जिन लोगों में होते हैं ये 10 लक्षण वो कहलाते हैं महामूर्ख!

Vidur Niti:विदुर नीति में कई ऐसी बातें बताई गई है जिसके द्वारा इंसानो की पहचान आसानी से किया जा सकता है। विदुर कहते हैं कुछ मनुष्य हमेशा ऐसा काम करते हैं जो मूर्खता से भरा होता है। तो आइए जानते हैं कि विदुर नीति के अनुसार मूर्ख व्यक्ति के क्या लक्षण होते हैं ?

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महामूर्ख होने के 10 लक्षण !

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Vidur Niti: महात्मा विदुर को एक महान कूटनीतिज्ञ होने के साथ-साथ महाज्ञानी भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत युद्ध से चिंतित होकर महात्मा विदुर ने एक नीतिशास्त्र की पुस्तक लिखी थी जिसे आज विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। विदुर नीति के अनुसार मनुष्य के गुणों को आसानी से पहचाना जा सकता है। उनके गुणों को पहचानकर यह बताया जा सकता है कि कोई भी मनुष्य बुद्धिमान है या फिर महामूर्ख है। तो आइए जानते हैं व्यक्ति के उन गुणों के बारे में जो उसे मूर्ख बनाता है।

1.विदुर नीति के अनुसार जो मनुष्य बिना पढ़े ही स्वयं पर गर्व करता है,दरिद्र होते हुए भी बड़े-बड़े सपने देखता है,और बिना काम किये ही धन पाने की चेष्टा करता है वह मूर्ख कहलाता है।

2.विदुर कहते हैं जो व्यक्ति अपना कर्तव्य छोड़कर दूसरे के कर्तव्य का पालन करता है तथा मित्र के साथ गलत आचरण करता है वह मूर्ख कहलाता है।

3.जो मनुष्य न चाहने वालों को चाहता है और चाहने वालों का त्याग कर देता है तथा जो अपने से बलवान के साथ बैर करता है ऐसा व्यक्ति महामूर्ख कहलाता है।

4.विदुर की माने तो जो व्यक्ति शत्रु को मित्र बनाता है और मित्र से ईर्ष्या करते हुए उसे कष्ट पहुंचाता है तथा सदा बुरे कर्म

में ही लिप्त रहता है ऐसा मनुष्य भी मूर्ख कहलाता है।

5.जो मनुष्य अपने कर्मों को बढ़ा-चढ़ाकर बताता है,सभी को संदेह की नजर से देखता है तथा शीघ्र संपन्न होनेवाले कार्यों को भी देर से संपन्न करता है  ऐसा मनुष्य भी मूर्ख माना जाता है।

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6.जो मनुष्य पितरों का श्राद्ध और देवताओं का पूजन नहीं करता तथा जिसे सच्चा मित्र प्राप्त नहीं होता वह भी मूर्ख ही

माना जाता है।

7.विदुरनीतिके अनुसार मूर्ख व्यक्ति बिना बुलाए ही कहीं भी अंदर चला आता है,बिना पूछे ही बहुत बोलता है तथा विश्वासघाती मनुष्यों पर भी विश्वास कर लेता है।

8.जो व्यक्ति स्वयं दोषयुक्त बर्ताव करते हुए भी दूसरे को दोषी बताकर आक्षेप करता है तथा जो असमर्थ होते हुए भी व्यर्थ

का क्रोध करता है वह मनुष्य महामूर्ख है।

9.जोअपनेबल को न समझकर बिना काम किए ही धर्म और अर्थ से विरुद्ध तथा न पाने योग्य वस्तु की इच्छा करता है वह व्यक्ति इस संसार में महामूर्ख कहलाता है।

10.जो अधिकारी को उपदेश देता है और शून्य की उपासना करता है तथा जो कृपण का आश्रय लेता है उसे मूढ़ चित्तवाला

यानि महामूर्ख कहते हैं।

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डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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