नवरात्रि में भक्तों में क्यों बांटा जाता है माता का खजाना, जानिए 550 पुराने मंदिर की मान्यता
Chaturbhuji Devi Mandir: चैत्र नवरात्रि के खास मौके गाजियाबाद में स्थित एक मंदिर को लेकर विशेष मान्यता है। इस मंदिर में महा अष्टमी के दिन विषे भक्तो के बीच माता के खजाने को लुटाया जाता है। जानिए इस मंदिर में ऐसा क्यों किया जाता है और इसे लेकर लोगों की क्या मान्यता है।
500 साल पुराने मंदिर की क्या है मान्यता
गाजियाबाद में स्थित देवी के इस मंदिर को 500 साल पुराना बताया जाता है। इसी मंदिर के बगल में दुधेश्वर नाथ के नाम से मशहूर भगवान शिव का एक मंदिर है। इस मंदिर में माता का बाल स्वरूप विराजमान है। कहा जाता है कि मां के दर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है।
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खजाने को लेकर क्या है मान्यता
महारानी के इस मंदिर में 9 दिनों तक शतचंडी यज्ञ चलता है, जिसमें कोई भी व्यक्ति हिस्सा ले सकता है। वहीं अष्टमी के दिन माता की पंखा शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसके बाद रात को खजाना लुटाया जाता है। इस समय मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। कहा जाता है कि जो भी खजाने को लूट कर घर ले जाता है, उसके घर में संपन्नता आती है और व्यक्ति कष्ट और रोगों से मुक्त हो जाता है।
सुबह से लगती है लंबी कतार
नवरात्रि में इस मंदिर का पट सुबह 5:30 बजे खुल जाता है। नवरात्रि में सुबह से ही माता के दर्शन के लिए मंदिर के बाहर भीड़ लगने लगती है। खास कर के अष्टमी और रामनवमी के दिन श्रद्धालु विशेष तौर पर माता के दर्शन करने पहुंचते हैं।
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