होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Dev Uthani Ekadashi 2024: सोये हुए भगवान विष्णु को देवउठनी एकादशी पर कैसे जगाएं? जानें सही विधि

Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास की समाप्त होता है और इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु को जगाया जाता है। आइए जानते हैं कि भगवान विष्णु को 4 महीने तक सोये रहने के बाद जगाने की सही विधि और मंत्र क्या है?
09:50 PM Nov 04, 2024 IST | Shyam Nandan
Advertisement

Dev Uthani Ekadashi 2024: हिन्दू धर्म में देवउठनी एकादशी का बेहद महत्व है। इस दिन से न केवल चातुर्मास खत्म होता है, बल्कि इसके साथ ही देशभर में शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों की मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही चार महीने बाद भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कार्यभार फिर से संभालते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान से खास पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन इससे पहले उन्हें शाम के समय विशेष पूजन विधि द्वारा भगवान विष्णु को जगाया जाता है। आइए जानते हैं, इस साल देवउठनी एकादशी कब है और इस शुभ मौके पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने की सही विधि क्या है?

Advertisement

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन 9 चीजों के बिना अधूरी रहती है छठ पूजा, 5वां आइटम है बेहद महत्वपूर्ण!

देवउठनी एकादशी 2024 कब है?

भगवान विष्णु को समर्पित देवउठनी एकादशी पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 11 नवंबर को शाम 6 बजकर 46 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर बाद 4 बजकर 4 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर, 2024 को रखा जाएगा। देवउठनी एकादशी का पर्व और भी अधिक खास है, इसलिए है कि इसके अगले दिन, 13 नवंबर को तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाएगा।

देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु को ऐसे जगाएं

देवउठनी एकादशी पर यानी 12 नवंबर को प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उसके बाद भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जगाया जाता है।

Advertisement

भगवान विष्णु को घर आने का आह्वान मंत्र

उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये। त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्‌ सुप्तं भवेदिदम्‌॥
उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव। गतामेघा वियच्चैव निर्मलं निर्मलादिशः॥
शारदानि च पुष्पाणि गृहाण मम केशव।

ये भी पढ़ें: Numerology: इन 3 तारीखों में जन्मे व्यक्ति जान लेते हैं लोगों के मन की बात, पैसा कमाने में भी रहते हैं आगे!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Devotthan EkadashiDevuthani EkadashiParva Tyohar
Advertisement
Advertisement