खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

सती-स्वरूपा देवी धूमावती की विचित्र कथा, शिव ने अपनी ही अर्धांगिनी सती को दिया विधवा होने का श्राप

Dhumavati Jayanti 2024: भगवान शिव की पत्नी देवी सती के एक रूप धूमावती की कथा काफी विचित्र है। उनके धूमावती रूप की जयंती 14 जून, 2024 को मनाई जाएगी। आइए जानते है, भगवान शिव ने अपनी अर्धांगिनी सती को विधवा होने का श्राप क्यों दिया?
02:00 PM Jun 09, 2024 IST | Shyam Nandan
Advertisement

Dhumavati Jayanti 2024: भगवान शिव और देवी सती के प्रेम और साहचर्य की कथा देव जगत की अनूठी कथा है। विवाह के बाद पति-पत्नी के विवाद से शिव और सती भी नहीं बच पाए थे। इसी का परिणाम है सती-स्वरूपा देवी धूमावती की विचित्र कथा। धूमावती दस महाविद्या की देवियों में सातवीं देवी हैं, जो आकर्षण से विहीन चीजों और टूटी-फूटी वस्तुओं की स्वामिनी हैं।

Advertisement

जब सती ने शिव को निगल लिया

देवी धूमावती की कथा वाकई में काफी विचित्र है। कहते हैं, एक बार देवी सती को इतनी जोर से भूख लगी कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। प्रचण्ड भूख से क्षुब्ध देवी को जो कुछ भी मिल रहा था, उसे निगलती जा रही थीं। तभी भगवान शिव उनके सामने आ गए। उन्होंने महादेव शिव को भी निगल लिया। चारों तरफ हाहाकार मच गया। तब देवताओं ने उनसे भगवान शिव को मुक्त करने की विनम्र विनती की। जब देवी को भूल का एहसास हुआ, तो उन्होंने भगवान शिव को मुक्त कर दिया।

ऐसे हुई देवी धूमावती की उत्पत्ति

इस घटना से भगवान शिव इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने देवी सती को छोड़ देने का निर्णय ले लिया। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने देवी सती को एक वृद्ध विधवा होने का श्राप दे दिया। कहते हैं, तत्काल प्रभाव से देवी सती कुरूप हो गई और एक वृद्ध विधवा के रूप में बदल गईं। देवी सती के इस रूप को धूमावती कहा गया है।

सुहागिनें क्यों नहीं करती हैं धूमावती की पूजा

सुहागिन महिलाएं देवी धूमावती की पूजा नहीं करती हैं, क्योंकि भगवान शिव के श्राप के कारण उनका रूप एक उग्र, बूढ़ी और विधवा स्त्री का है। उनके शरीर पर एक भी आभूषण नहीं है और वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं। मान्यता है कि देवी धूमावती की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं का जीवन पति के जिंदा रहते हुए भी विधवा के समान हो जाता है।

Advertisement

किन्हें करनी चाहिए देवी धूमावती की पूजा

प्राणतोषिणी तन्त्र ग्रंथ के अनुसार, जो लोग महान आर्थिक संकट से गुजर रहें हैं और घोर निर्धन हैं, उन्हें देवी धूमावती की पूजा से विशेष लाभ होता है। सभी प्रकार के कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही जो व्यक्ति किसी भयंकर रोग से पीड़ित हैं, देवी धूमावती की उपासना से वे रोग मुक्त हो जाते हैं।

ये भी पढ़ें: मिथुन संक्रांति पर करें 5 उपाय, होगी आरोग्य और धन-दौलत में वृद्धि, सूर्य समेत बनी रहेगी पितरों-ग्रहों की कृपा

ये भी पढ़ें: इन 5 पेड़ों को ‘आत्माओं का ठिकाना’ क्यों मानते हैं लोग? जानें कितना सच और कितना झूठ?

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
Tags :
Lord ShivaReligion
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement