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Diwali Special Story: दिवाली के दिन भगवान विष्णु को सोते हुए क्यों छोड़ देती हैं माता लक्ष्मी? जानिए पौराणिक कथा

Diwali Special Story: दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु को निद्रा में छोड़कर अकेली ही धरतीलोक का भ्रमण करने आ जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे का रहस्य क्या है? अगर नहीं तो चलिए मिलकर जानते हैं पुराणों में क्या बताया गया है?
05:15 PM Oct 18, 2024 IST | Nishit Mishra
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Diwali Special Story: दिवाली के दिन घर-घर माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है, लेकिन इस दिन भगवान विष्णु की पूजा नहीं की जाती। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अगर कोई करता है तो उसे उसका फल नहीं मिलता। चलिए जानते हैं कि ऐसा क्या कारण है जो इस दिन भगवान अपने भक्तों की इच्छा पूर्ण नहीं करते?

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क्यों नहीं होती भगवान विष्णु की पूजा?

दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही कई और देवी देवताओं की भी पूजा होती हैं। लेकिन दिवाली के दिन भगवान विष्णु की पूजा नहीं होती। विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन चार माह के लिए सो जाते हैं। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। पुराणों में बताया गया है कि दिवाली का पर्व चातुर्मास में पड़ता है। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में लीन रहते हैं। चातुर्मास में भगवान विष्णु सोये रहते हैं इसलिए दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा नहीं होती।

दिवाली के 11 दिन बाद भगवान विष्णु सो कर उठते हैं। जिस दिन भगवान विष्णु उठते हैं उस दिन को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यही कारण है कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के बिना ही धरतीलोक का भ्रमण करती हैं। साथ ही जिस दिन भगवान सो कर उठते हैं, उस दिन देवतागण भगवान विष्णु की पूजा माता लक्ष्मी जी के साथ करते हैं। इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।

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क्यों होती है लक्ष्मी गणेश की पूजा?

महापुराण में वर्णित कथा के अनुसार एक बार माता लक्ष्मी को खुद पर अहंकार हो गया। यह बात जब भगवान विष्णु को पता चला तो, उन्होंने माता लक्ष्मी से कहा, भले ही पूरा संसार आपको पाने की इच्छा रखता हो, आपकी पूजा-पाठ पाठ करता हो लेकिन आप अभी तक पूर्ण नहीं हुई हैं। तब लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु से कहा हे स्वामी! मैं अभी तक अपूर्ण क्यों हूं? फिर भगवान विष्णु बोले, देवी जब तक कोई स्त्री मां नहीं बन जाती, तब तक वह अपूर्ण ही कहलाती हैं। आप अभी तक किसी की माता नहीं बनी हैं, इसलिए आप पूर्ण नहीं हैं। विष्णु जी की बातें सुनकर माता लक्ष्मी दुखी हो गई।

माता लक्ष्मी को दुखी देख, माता पार्वती लक्ष्मी जी के पास आई और गणेश जी को उनकी गोद में बैठा दिया। फिर माता पार्वती बोली, आज से गणेश आपका भी पुत्र कहलाएगा। तभी से गणेश जी माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र कहलाने लगे। उसके बाद माता लक्ष्मी ने गणेश जी को वरदान दिया कि आज के बाद से गणेश जी के बिना जो भी मेरी पूजा करेगा, मैं उसके पास नहीं जाउंगी। इसलिए दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

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