होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर ही क्यों खुलते हैं इस मंदिर के कपाट? वजह काफी चौंकाने वाली

Eklingeshwar Mahadev Mandir: महाशिवरात्रि के पावन दिन अगर आप राजस्थान में हैं और महादेव के दर्शन करना चाहते हैं तो ऐसे में आप जयपुर के एकलिंगेश्वर मंदिर जा सकते हैं। आज हम आपको एकलिंगेश्वर मंदिर के इतिहास और रोचक तथ्य के बारे में बताएंगे।
08:00 AM Mar 08, 2024 IST | Nidhi Jain
Advertisement

Eklingeshwar Mahadev Mandir: हिंदू धर्म में प्रत्येक पर्व, व्रत और पूजा-पाठ का अपना महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूजा-पाठ करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। वहीं देशभर में अनगिनत मंदिर हैं, जिनकी अपनी अलग मान्यताएं हैं।

Advertisement

महाशिवरात्रि को हिंदुओं के प्रमुख त्योहार में से एक माना जाता है। इस साल ये पर्व आज यानी 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन विशेष तौर पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन लोग शिव जी की आराधना करने के लिए मंदिर जाते हैं। अगर महाशिवरात्रि के दिन आप भी शिव जी के किसी प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तो आज हम आपको एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताएंगे। जो साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दिन खुलता है, जिसके रहस्य जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

ये भी पढ़ें- महाशिवरात्रि पर करें देश के प्रसिद्ध शिव मंदिर के दर्शन, सभी समस्याओं से मिलेगा छुटकारा

Advertisement

क्या है मंदिर से जुड़ी मान्यता?

राजस्थान के जयपुर में एकलिंगेश्वर मंदिर स्थित है। इस मंदिर के कपाट साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दिन खुलते हैं। यह मंदिर जयपुर के जेएलएन मार्ग पर बने डायमंड हिल्स पर बना हुआ है। ऊंचाई पर होने के कारण सैलानियों की नजर इस पर सबसे पहले जाती है। मानता है कि जो भी व्यक्ति जीवन में एक बार एकलिंगेश्वर मंदिर के दर्शन करता है उसके जीवन में आ रही सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा उसके घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

ये मंदिर बाकी मंदिरों की तरह आम जन के लिए 365 दिन नहीं खुलता है, बल्कि सिर्फ एक दिन खुलता है। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन यहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि लोगों के बीच इस मंदिर को लेकर इतनी मान्यता है वह यहां पर शिवरात्रि से एक दिन पहले ही शाम में आकर मंदिर के बाहर लाइन लगानी शुरू कर देते हैं। हर साल यहां पर हजारों की संख्या में भक्तजन आकर बाबा का आशीर्वाद लेते हैं।

राज परिवार से है नाता

बता दें कि इस मंदिर में शिव जी लिंगेश्वर स्वरूप में विराजमान हैं। सालों पहले दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक गायत्री देवी ने इस मंदिर में शिव जी की पूजा करनी आरंभ की थी। जानकारों के मुताबिक, डायमंड हिल्स यानी मोती डूंगरी पर बने शिव जी के इस मंदिर में जयपुर राजपरिवार की सबसे खूबसूरत राजमाता गायत्री देवी रोजाना भगवान शिव की आराधना किया करती थीं। वह यहां पर काफी लंबे समय तक रही भी थीं। आज भी राज परिवार के लोग किसी न किसी खास मौके पर यहां पर आते रहते हैं।

कहा जाता है कि उस समय गायत्री देवी अपने पति राजा मानसिंह के साथ यहां पर रहा करती थीं लेकिन जब राजा मानसिंह की मृत्यु हुई तो उसके बाद वह लिलीपूल में रहने लगी। इसके बाद सिर्फ वो तीज, त्योहार और खास मौकों पर ही यहां आया करती थी। लेकिन जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती गई उनका किले में आना कम हो गया।

रुद्राभिषेक का किया जाता है खास आयोजन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर साल एकलिंगेश्वर मंदिर में सावन के पावन महीने में सहस्त्र घट रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर की साफ-सफाई से लेकर रखरखाव से जुड़े सारे खर्च शाही परिवार ही उठाता है। आज महाशिवरात्रि का आयोजन भी शाही परिवार द्वारा किया जाएगा। आज भक्तजन यहां एकलिंगेश्वर मंदिर में दर्शन करते हैं। साथ ही मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। हालांकि अब एकलिंगेश्वर मंदिर के आसपास कई और मंदिरों का भी निर्माण किया जा चुका है, जिनकी अपनी मान्यता है।

ये भी पढ़ें- Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि व्रत को खोलने के लिए ये हैं 3 हेल्दी ऑप्शन, जानें रेसिपी

Open in App
Advertisement
Tags :
Hindu TempleMahashivratri 2024special desk news
Advertisement
Advertisement