होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Ganesh Puran Story: भगवान गणेश जी कैसे हो गए एकदंत? किसने तोड़ दिया था एक दांत?

Ganesh Puran Story: हिन्दू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूज्य माना गया है। गणेश जी को लंबोदर, सिद्धि विनायक, गजानन, एकदंत आदि नामों से जाना जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर गणेश जी का एक दांत किसने और क्यों तोड़ दिया था? जिसकी वजह से गणेश जी एकदंत कहलाने लगे।
12:29 PM Oct 23, 2024 IST | News24 हिंदी
Advertisement

Ganesh Puran Story: पार्वती पुत्र, गणेश जी के कई अवतार हैं। ऐसा माना जाता है कि गणेश जी ने भी धर्म की स्थापना के लिए कई रूप धारण किए थे। उन्ही में से एक रूप एकदंत भी है। महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार, जब महर्षि व्यास ने गणेश जी से महाभारत ग्रंथ लिखने को कहा तो, उन्होंने अपने एक दांत को तोड़ दिया और उसी दांत से महाभारत ग्रंथ लिखा। लेकिन गणेश पुराण में गणेश जी के एकदंत होने की अलग ही कथा वर्णित है। चलिए जानते हैं कि गणेश पुराण के अनुसार गणेश जी एकदंत कैसे हो गए?

Advertisement

शिव जी की राम कथा 

गणेश पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, एक दिन  माता पार्वती ने भगवान शिव से राम कथा सुनाने का आग्रह किया। माता पार्वती के आग्रह को भगवान शिव टाल नहीं पाए। उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश पर्वत पर स्थित अंतःपुर में चले गए। अंतःपुर में जाने से पहले भगवान शिव ने, गणेश जी को द्वार पर खड़ा कर दिया। भगवान शिव ने गणेश जी से कहा, पुत्र जब तक मैं न कहूं किसी को भी अंदर मत आने देना। उसके बाद भगवान शिव अंतःपुर में बैठकर, माता पार्वती को राम कथा सुनाने लगे।

परशुराम जी का कैलाश आगमन 

कुछ देर बाद परशुराम जी पृथ्वीलोक से कैलाश पर्वत आए। कैलाश पहुंचकर परशुराम जी ने नंदी से पूछा, मेरे आराध्य देव, देवाधिदेव महादेव कहां हैं? तब नंदी जी बोले, हे ब्राह्मण श्रेष्ठ! भगवान शिव तो मेरे भी आराध्य हैं, लेकिन मैं नहीं जानता कि इस समय वो कहां हैं? नंदी की बातें सुनकर, परशुराम जी क्रोधित हो उठे। उन्हें लगा कि शिव के गण उनका उपहास उड़ा रहे हैं। क्रोध में ही परशुराम जी ने कहा, तुम सभी देवाधिदेव महादेव को अपना आराध्य देव कहते हो, हमेशा उनके साथ रहते हो और इस समय वो कहां हैं, तुमलोग नहीं जानते। तुम सभी को किसने शिव जी का गण बना दिया। तुम लोग शिवगण के लायक हो ही नहीं। इतना कहकर परशुराम जी स्वयं शिव जी को कैलाश पर खोजने लगे।

परशुराम और गणेश संवाद 

काफी देर खोजने के बाद परशुराम जी को एक महल के सामने गणेश जी दिखे। उसके बाद वो गणेश जी के पास पहुंचे और उस महल के अंदर जाने लगे। जैसे ही परशुराम जी महल के मुख्य द्वार के अंदर जाने को हुए, गणेश जी ने उन्हें रोक दिया। गणेश जी ने कहा, आप इस समय अंदर नहीं जा सकते। गणेश जी की बातें सुनकर परशुराम क्रोध से लाल हो गए। उन्होंने ने गणेश से कहा, तुम कौन हो बालक? और मुझे तुमने क्यों रोका? तभी नंदी सहित और शिवगण भी वहां आ गए। गणेश जी ने कहा, मैं शिव जी और माता पार्वती का पुत्र, गणेश हूं।

Advertisement

उसके बाद परशुराम जी ने कहा, बालक मैं अपने आराध्य देव से मिलने आया हूं। मुझे देवाधिदेव महादेव से मिलने से कोई नहीं रोक सकता। फिर तुम एक बालक होकर मुझे रोकने की कोशिश क्यों की? तब गणेश जी ने कहा, मैं अपने पिता की आज्ञा का पालन कर रहा हूं । मेरे पिता भगवान शिव का आदेश है कि, जब तक वो अंतःपुर में माता के साथ हैं, तब तक मैं किसी को भी अंदर न जाने दूं।

गणेश जी और परशुराम युद्ध 

इस बार गणेश जी कि बातें सुनकर परशुराम और क्रोधित हो गए, उसके बाद वो फिर अंदर जाने लगे। परन्तु गणेश जी उन्हें फिर रोक दिया। फिर  गणेश जी और परशुराम में युद्ध छिड़ गया। दोनों एक-दूसरे पर बाणों से प्रहार करने लगे। धीरे-धीरे ये युद्ध काफी भयंकर हो गया। काफी देर युद्ध चलने के बाद जब परशुराम जी को लगा कि, इस बालक अर्थात गणेश जी को हराया नहीं जा सकता तो, उन्होंने अपने परशु से गणेश जी पर प्रहार कर दिया।

परशुराम जी का परशु गणेश जी के एक दांत पर जा लगा, परशु के लगते ही गणेश जी का वह दांत कटकर गिर गया। ऐसा माना जाता है कि इस घटना के बाद, गणेश जी को एकदंत कहा जाने लगा। फिर जब भगवान शिव अंतःपुर से बाहर आए तो उन्होंने युद्ध को बंद करवाया। उसके बाद परशुराम जी ने माता पार्वती और भगवान शिव के साथ-साथ गणेश जी से भी मांफी मांगी। भगवान शिव के कहने पर गणेश जी ने परशुराम जी को क्षमा कर दिया।

ये भी पढ़ें: Radha Ram Story: देवी राधा और श्री राम में क्या है संबंध? राधिका जी के साथ 11 साल ही क्यों रहे श्री कृष्ण?

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Advertisement
Advertisement